I.N.D.I.A. Alliance Meeting Today: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बुधवार (6 दिसंबर) को विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल ज्यादातर पार्टियों के फ्लोर नेताओं की बैठक हुई. यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नई दिल्ली स्थित आवास पर हुई है. उन्होंने नेताओं को डिनर पर बुलाया था. बैठक शाम 7 बजे शुरू हुई थी और यह करीब एक घंटे तक चली.
बैठक में 17 पार्टियों के नेताओं ने हिस्सा लिया. इसमें ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) का कोई नेता शामिल नहीं हुआ. इसका कारण भी सामने नहीं आया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इंडिया गठबंधन की एक बैठक दिसंबर के तीसरे हफ्ते में होगी, जिसमें विपक्षी दलों के कुछ मुख्यमंत्रियों समेत शीर्ष नेता शामिल होंगे.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में बीजेपी से मुकाबले करने के लिए संसद में कॉर्डिनेशन (समन्वय) में सुधार के कदमों पर चर्चा हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि जल्द ही गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व की बैठक होगी. यह बैठक ऐसे समय हुई जब संसद का शीतकालीन सत्र जारी है.
लोगों के मुद्दों को संसद में उठाएंगे- मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बाद अपने आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट में कहा, ''लोकसभा और राज्यसभा के समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं की एक संसदीय रणनीति बैठक 10, राजाजी मार्ग पर आयोजित की गई. हम सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए इस सत्र के बाकी हिस्से में लोगों के मुद्दों को संसद में उठाएंगे. सभी दलों के नेताओं के परामर्श से जल्द ही 'इंडिया' दलों की बैठक की तारीख तय की जाएगी. जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!''
सरकार के रवैये पर हुई चर्चा- नसीर हुसैन
पीटीआई के मुताबिक, राज्यसभा में कांग्रेस नेता और व्हिप नसीर हुसैन बैठक के बाद मीडिया से कहा कि यह इंडिया गठबंधन के घटक दलों के लोकसभा और राज्यसभा के फ्लोर नेताओं की बैठक थी. बैठक हर दिन सुबह होती है लेकिन आज नहीं हो सकी, इसलिए शाम को खरगे के आवास पर इस बैठक की योजना बनाई गई.
उन्होंने कहा, ''बैठक की अध्यक्षता मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने की. संसद के कई मुद्दों और आने वाले विधेयकों को लेकर चर्चा हुई. सरकार के रवैये पर भी चर्चा हुई. यह भी निर्णय लिया गया कि जल्द ही इंडिया गठबंधन के नेताओं की एक बैठक होगी और हम एक या दो दिन में तारीख की घोषणा करेंगे.''
टीएमसी और शिवसेना यूबीटी के नेता क्यों नहीं हुए शामिल?
बैठक में टीएमसी और शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं की गैर-मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर नसीर हुसैन ने कहा कि उन पार्टियों ने पहले ही सूचित कर दिया था कि वे शामिल नहीं हो पाएंगी. उन्होंने कहा कि ऐसा रोजाना होता है कि कुछ पार्टियां किसी मजबूरी के कारण शामिल नहीं हो पाती हैं.
वहीं, टीएमसी को लेकर पार्टी सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिसंबर के तीसरे हफ्ते में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हो सकती हैं.
कौन-कौन से नेता हुए बैठक में शामिल?
मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर इस बैठक में कांग्रेस नेताओं में लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी, कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश शामिल हुए.
अन्य विपक्षी नेताओं में जेएमएम की महुआ माझी, एमडीएमके के वाइको, आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन, सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम, जेडीयू नेता ललन सिंह, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव और एसटी हसन, आरएलडी के जयंत चौधरी शामिल थे.
इसके अलावा, एनसीपी की वंदना चव्हाण, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, डीएमके के तिरुचि शिवा और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई, नसीर हुसैन और रजनी पाटिल भी बैठक में मौजूद थे.
वहीं, सीपीआई-एम नेता इलामारम करीम, आरजेडी नेता फैयाज अहमद, केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान, डीएमके के टीआर बालू, एनसी के हसनैन मसूदी और आईयूएमएल के मोहम्मद बशीर ने भी बैठक में हिस्सा लिया.
क्यों अहम थी ये बैठक?
बुधवार को मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई इंडिया गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की ये मीटिंग इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह बीजेपी के तीन हिंदी भाषी राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में जीतने के बाद हुई है, जबकि कांग्रेस तेलंगाना में जीती है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तीन हिंदी भाषी राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन के भीतर घमासान मच गया है क्योंकि सीट बंटवारे में अनदेखी से नाराज समाजवादी पार्टी ने खुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है.
वहीं, शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), जेडीयू और आम आदमी पार्टी (AAP) जैसे दलों के नेताओं ने कहा है कि जब क्षेत्रीय सहयोगियों की बात आती है तो कांग्रेस को ज्यादा मिलनसार होना चाहिए.
अब साझा रैलियों की योजना बनाएंगे विपक्षी नेता- सूत्र
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए बने इंडिया गठबंधन में कम से कम 26 पार्टियां शामिल हैं. अब तक इस गठबंधन की तीन बड़ी बैठकें पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हो चुकी हैं. सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी नेता अब साझा रैलियों की योजना बनाएंगे, जिन्हें विधानसभा चुनावों के कारण रोक दिया गया था.
इससे पहले अक्टूबर के पहले हफ्ते में भोपाल में प्रस्तावित ऐसी ही एक रैली आखिरी वक्त में रद्द कर दी गई थी. सूत्रों ने कहा कि क्षेत्रीय दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत भी अब रफ्तार पकड़ेगी.