India Alliance: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का मुकाबला करने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया है, लेकिन इन दिनों इंडिया गठबंधन में तनाव देखने को मिला था. इस बीच कांग्रेस के सूत्रों ने बताया है कि इंडिया गठबंधन एक बार फिर से एक्टिव होगा.  28 नवंबर के बाद यानी विधानसभा चुनावों के खत्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सभी नेताओं से बात करेंगे और लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर योजना बनाई जाएगी. 


दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जब टिकट बंटवारा हुआ, तो कांग्रेस ने बिजावर सीट से अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारा. इस सीट से पहले ही समाजवादी पार्टी को 2018 में जीत मिली थी. ऐसे में सपा को उम्मीद थी कि वह एमपी की इस सीट पर फिर से जीत हासिल कर लेगी. मगर कांग्रेस के जरिए यहां से अपना उम्मीदवार उतारे जाने से सपा प्रमुख अखिलेश यादव नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमें पहले क्यों नहीं बताया कि गठबंधन सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर है. उन्हें ये चीज साफ करनी चाहिए थे. 


अखिलेश की भाषा से कांग्रेस नाराज


सूत्रों ने बताया है कि अखिलेश यादव की भाषा से कांग्रेस नाराज दिख रही है. सपा प्रमुख के बयानों से कांग्रेस पार्टी असहज हो गई है. इंडिया गठबंधन की जब मुंबई और बेंगलुरू में बैठक हुई, तो उस वक्त ये बिल्कुल साफ कर दिया गया था कि ये गठबंधन सिर्फ लोकसभा के लिए है. कभी किसी पार्टी या नेता की तरफ से राज्य स्तर पर गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं हुई. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को लगता है कि अखिलेश की भाषा गलत है. इस मुद्दे पर खरगे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात भी की.


दिल्ली-पंजाब में आप बनी चुनौती


वहीं, आम आदमी पार्टी भी गठबंधन के लिए चुनौती बन गई है. सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के खिलाफ यूपी कांग्रेस में कोई खास विरोध नहीं है, लेकिन आप के लिए पंजाब और दिल्ली के संगठन में बहुत विरोध है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है.


यह भी पढ़ें: केदारनाथ धाम में राहुल गांधी-वरुण गांधी की मुलाकात, 'सालों बाद मिले भाई'