'INDIA' गठजोड़ को तगड़ा झटकाः ममता बनर्जी का ऐलान- बंगाल में अकेले लड़ेंगे चुनाव, ठुकराए गए मेरे प्रस्ताव
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि शिष्टाचार के तौर पर भी उन्हें यह नहीं बताया गया कि कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उनके सूबे में प्रवेश कर रही है.
!['INDIA' गठजोड़ को तगड़ा झटकाः ममता बनर्जी का ऐलान- बंगाल में अकेले लड़ेंगे चुनाव, ठुकराए गए मेरे प्रस्ताव INDIA alliance gets shock before 2024 as TMC Mamata Banerjee will fight Elections alone in West Bengal 'INDIA' गठजोड़ को तगड़ा झटकाः ममता बनर्जी का ऐलान- बंगाल में अकेले लड़ेंगे चुनाव, ठुकराए गए मेरे प्रस्ताव](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/24/f8c239652dab3f0a1b8d6d7f8446747e1706079046186947_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) चीफ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी सूबे में अकेले चुनाव लड़ेगी. यह बड़ा ऐलान करते हुए बुधवार (24 जनवरी, 2024) को उन्होंने कांग्रेस और लेफ्ट पर भड़ास निकाली. ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनके सभी प्रस्तावों को ठुकराया गया इसलिए उन्होंने अकेले लड़ने का निर्णय लिया है.
दीदी के मुताबिक, टीएमसी बंगाल में किसी से तालमेल नहीं करेगी. उनके दल को बंगाल में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की कोई जानकारी नहीं दी गई. न ही कांग्रेस ने इस बारे में उन लोगों से कोई चर्चा की. सीएम ममता की ओर से जो भी प्रस्ताव दिए गए थे उन्हें ठुकरा दिया गया. टीएमसी सुप्रीमो ने बताया कि कांग्रेस का पश्चिम बंगाल से कोई लेना-देना नहीं है. पहले दिन ही उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया गया था.
BJP को अपने दम पर ही TMC दे देगी मात- Mamata Banerjee का दावा
ममता बनर्जी के मुताबिक, "कांग्रेस के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई. मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे. मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और बंगाल में हैं. हम अकेले ही भाजपा को हरा देंगे. मैं इंडिया गठबंधन का हिस्सा हूं. राहुल गांधी की न्याय यात्रा हमारे राज्य से गुजर रही है लेकिन हमें इसके बारे में सूचित नहीं किया गया."
कांग्रेस ने कहा- जरूरी नहीं कि सफर में रुक जाएं
ममता बनर्जी के फैसले पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, लंबे सफर में स्पीड ब्रेकर आते हैं. ममता बनर्जी के बिना गठबंधन की कल्पना नहीं कर सकते हैं. जरूरी नहीं कि सफर में रुक जाएं. वहीं कन्हैया कुमार ने ममता बनर्जी के फैसले पर कहा, चुनाव इस देश में होते रहेंगे. चुनाव का हमारी इस यात्रा से कोई मतलब नहीं है. इंडिया गठबंधन, सीट शेयरिंग अपनी जगह पर है. न्याय यात्रा का मक़सद अलग है.
जेडीयू ने कहा, हम पूरे घटनाक्रम से चिंतित
वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने ममता के ऐलान पर कहा, हम पूरे घटनाक्रम को लेकर चिंतित भी हैं और कष्ट में भी हैं. नीतीश जी से मैराथन प्रयासों के बाद इंडिया गठबंधन अस्तित्व में आया था. ममता जी, केजरीवाल जी और अखिलेश जी की आशंका यही थी कि कांग्रेस पार्टी के साथ काम करने में दिक्कत है. इसलिए गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी वाला गठबंधन बनना चाहिए. नीतीश कुमार जी के प्रयास के बाद यह लोग पटना में आने के लिए तैयार हुए. हमें अफसोस है कि बड़ा दल होने के नाते कांग्रेस को सह्रदयता दिखानी चाहिए थी उसका अभाव है.
बंगाल में कब और कहां से एंटर कर रही Congress की NYAY Yatra?
नॉर्थ ईस्ट के सूबे मणिपुर से शुरु हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पश्चिम बंगाल में 5 दिनों में 7 जिले कवर करते हुए कुल 523 किलोमीटर का दायरा तय करेगी. गुरुवार (25 जनवरी, 2024) को यह बंगाल में कूचबिहार से प्रवेश करेगी. हालांकि, इस बारे में पार्टी के एक सीनियर नेता ने मीडिया को बताया था कि यात्रा सूबे की राजधानी कोलकाता नहीं जाएगी.
सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस पर एक दिन पहले गर्माईं थी दीदी
ममता बनर्जी ने इससे एक रोज पहले मंगलवार (23 जनवरी, 2024) को 10-12 लोकसभा क्षेत्रों की 'अनुचित' मांग का हवाला देते हुए बंगाल में सीट बंटवारे पर चर्चा में देरी के लिए कांग्रेस की आलोचना की थी. टीएमसी ने सूबे में कांग्रेस को सिर्फ दो सीट देने की पेशकश की थी। सीएम बनर्जी ने तृणमूल का गढ़ माने जाने वाले जिले बीरभूम की पार्टी इकाई की बंद कमरे में संगठनात्मक बैठक के दौरान यह बात कही.
2019 में अकेले लड़े थे सब, TMC को हुआ था सर्वाधिक नुकसान
साल 2019 के आम चुनाव में पश्चिम बंगाल में सभी दल अकेले लड़े थे. बीजेपी के खिलाफ तब सभी पार्टियों के अकेले लड़ने से भाजपा को ही फायदा हुआ था. 2014 के मुकालबे 2019 में सभी पार्टियों को नुकसान हुआ था. कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट तीनों पार्टियों को नुकसान हुआ था. कांग्रेस की 2 सीटें कम हुईं, जबकि लेफ्ट की भी 2 सीटें कम हो गई थीं. वहीं, टीएमसी को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. ममता बनर्जी की पार्टी की 12 सीटें तब कम हो गई थीं.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![शिवाजी सरकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/5635d32963c9cc7c53a3f715fa284487.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)