INDIA Alliance: इंडिया गठबंधन ने एक बार फिर से बैठक की है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल पटना, बेंगलुरू, मुंबई के बाद दिल्ली में इकट्ठा हुए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बैठक में कहा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कई दौर की बैठकों का आयोजन होगा. इस बैठक से ठीक पहले कांग्रेस की एक बैठक हुई, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा यूपी को लेकर हुई, जहां मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को साथ लेकर चलने की बात कही गई. 


दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक से पहले हुई कांग्रेस की इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने हिस्सा लिया. बैठक में यूपी कांग्रेस के नेता शामिल हुए, जिन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीएसपी को साथ लेकर चलने का सुझाव दिया. बैठक में यूपी कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बीएसपी को इंडिया में शामिल करना चाहिए और बिना बीएसपी को साथ लिए यूपी में बीजेपी को हराना मुश्किल होने वाला है. 


बैठक में क्या-क्या कहा गया? 


यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं, जिन्हें अकेले जितना कांग्रेस के लिए काफी मुश्किल हैं. एबीपी न्यूज के संवाददाता जैनेंद्र कुमार ने बैठक से जुड़ी जानकारियों को साझा करते हुए बताया कि यूपी कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अगर यूपी में बीजेपी को हराना है, तो बीएसपी को साथ लाना होगा, यानी मायावाती की पार्टी को इंडिया गठबंधन में शामिल करना होगा. हालांकि, कुछ ऐसे भी नेता थे, जो मायावती पर भरोसा करने के पक्ष में नहीं थे. 


बैठक में ज्यादतर नेताओं का मानना रहा है कि यूपी में समाजवादी पार्टी के साथ जो प्रस्तावित गठबंधन है. उसके हिसाब से उन्हें ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. वहीं, इस पर कांग्रेस आलाकमान ने कहा कि पार्टी यूपी में सम्मानजनक सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है. जैनेंद्र ने बताया कि एक तरफ यूपी कांग्रेस के नेता बीएसपी को इंडिया गठबंधन में शामिल करना चाहते हैं, मगर वह समाजवादी पार्टी को भी साथ लेकर चलना चाहते हैं. 



कांग्रेस को बीएसपी की जरूरत क्यों है? 


यूपी में बीजेपी काफी मजबूत है. ऐसे में उसे हराने के लिए कांग्रेस को स्थानीय दलों की जरूरत है. समाजवादी पार्टी पहले से ही इंडिया गठबंधन में शामिल है. मगर सिर्फ दो दलों का गठबंधन आसानी से जीत नहीं दिलाने वाला है. इसकी वजह ये है कि 2014 चुनाव में कांग्रेस को 2 सीट और 2019 में 1 सीट पर जीत मिली. समाजवादी पार्टी ने जहां 2014 में 5 सीटें जीती, तो 2019 में बीएसपी के साथ गठबंधन कर भी 5 सीटों पर जीत हासिल की. 


वहीं, बीएसपी को 2014 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. मगर जब 2019 में पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, तो उसे 10 सीटों पर जीत हासिल हुई. ऐसे में ये दिखाता है कि अगर कांग्रेस समाजवादी पार्टी और बीएसपी दोनों के साथ ताल-मेल बैठा लेती है, तो जीत की राह आसान हो जाएगी. यूपी की राजनीति में मायावती का अभी भी बड़ा जनाधार है, जिसे कमतर कर नहीं आंका जा सकता है. 


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