INDIA Alliance Convener: विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की राजनीति में दो दिनों से एक चर्चा तेज है. चर्चा इस बात की है कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन के संयोजक बन सकते हैं. खबर तो यहां तक है कि आज बुधवार (03 जनवरी) को एक ऑनलाइन मीटिंग हो सकती है जिसमें नीतीश के नाम का ऐलान हो सकता है. वैसे इस खबर पर आधिकारिक बयान किसी तरफ से आया नहीं है लेकिन चर्चा तेज है.
सवाल ये कि क्या ललन सिंह को अध्यक्ष पद से हटाकर नीतीश ने जो दांव चला था, उस दबाव में तो नहीं आ गई है कांग्रेस. जेडीयू अध्यक्ष पद से ललन सिंह को हटाकर नीतीश कुमार 29 दिसंबर को पार्टी के अध्यक्ष बन गए. राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी कि क्या नीतीश फिर से पलटी मारने वाले हैं.
जूम एप्प पर होगी बात, नीतीश कुमार बनेंगे संयोजक?
अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश दिल्ली से पटना पहुंचे और इधर विपक्षी गठबंधन में कानाफूसी होने लगी. दो दिन से अब चर्चा इस बात की हो रही है कि विपक्षी गठबंधन नीतीश को संयोजक बनाने पर राजी हो गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश और कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन के बड़े नेताओं की 3 जनवरी को ज़ूम एप्प पर बात होगी. इस मीटिंग में कांग्रेस की ओर से नीतीश कुमार को संयोजक पद का ऑफर दिया जा सकता है.
नए साल के पहले दिन पटना में कांग्रेस के नेता शकील अहमद खान ने नीतीश कुमार से मुलाकात भी की है. एबीपी न्यूज से बात करते हुए शकील अहमद इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नीतीश के संपर्क में है. नीतीश का नाम संयोजक के लिए चर्चा में है तो तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के नेता खुश हैं.
कांग्रेस ने कर ली बात, इन नेताओं का मिलेगा साथ!
आरजेडी नेता इसलिए भी खुश हैं क्योंकि उम्मीद अब इस बात की है कि नीतीश के संयोजक बनने के बाद बिहार में सीएम की कुर्सी उनके नेता तेजस्वी यादव को मिल सकती है. एबीपी न्यूज को सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक नीतीश के नाम पर कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, आरजेडी के तेजस्वी यादव सहित शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बात कर ली है. लेफ्ट और दक्षिण भारत के नेताओं ने भी नीतीश के नाम को सहमति दे दी है.
जेडीयू के नेता और नीतीश सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने तो कहा है कि संयोजक पद पर फैसला नीतीश कुमार ही लेंगे. जेडीयू के कई नेता ये भी कह रहे हैं कि गठबंधन को ये फैसला पहले ही लेना चाहिए था. उधर बीजेपी कह रही है कि नीतीश का जनाधार खत्म हो चुका है और पीएम मोदी के सामने कोई चेहरा नहीं है.
नीतीश कुमार को मनाने की कोशिश, ऑफर किया संयोजक पद
नीतीश कुमार ने ही पिछले साल मई महीने में विपक्षी एकता की मुहिम शुरू की थी. 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की पहली बैठक की मेजबानी भी नीतीश ने ही की और उसी दिन से ये बात चर्चा में थी कि नीतीश गठबंधन के संयोजक बन सकते हैं लेकिन चार मीटिंग के बाद भी नीतीश का नाम आगे नहीं किया गया.
दिल्ली में 19 दिसंबर की बैठक में ममता बनर्जी ने पीएम दावेदार के तौर पर खरगे का नाम आगे कर दिया. कहा जा रहा है कि इसी के बाद से नीतीश ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया और इसकी गाज पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह पर गिरी. अब विपक्षी गठबंधन के नेता संयोजक पद का ऑफर कर नीतीश को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
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