इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर फंसा पेंच, कांग्रेस किस आधार पर मांग रही ज्यादा सीटें, कैसा था पिछले चुनाव में उसका प्रदर्शन?
Lok Sabha Election 2024: पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने निराशाजनक प्रदर्शन किया था. ऐसे में वह 2019 में हुई गलतियों को दोबारा दोहराना नहीं चाहती है.
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 काफी रोचक होने वाला है. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से मुकाबला करने के लिए इंडिया गठबंधन बनाया गया है. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (शरद पवार गुट), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) जैसी पार्टियों ने मिलकर इस गठबंधन को बनाया है. हालांकि, इस गठबंधन की सबसे बड़ी परेशानी सीट बंटवारा बन गया है. इसे लेकर कई सारे दलों में टकराव की स्थिति भी पैदा हुई है.
दरअसल, कांग्रेस के तौर पर इंडिया गठबंधन में एक राष्ट्रीय पार्टी है. ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि उसे हर राज्य में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिले. मगर इंडिया गठबंधन में क्षेत्रीय दल ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहते हैं. इस वजह से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार जैसे राज्यों में कांग्रेस का वहां के क्षेत्रीय दलों से तकरार भी हुआ है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कांग्रेस आखिर किस राज्य में कितनी सीटें चाहती है और पिछले चुनाव में उसका वहां कैसा प्रदर्शन रहा था.
किस राज्य में कितनी सीटें चाहती है कांग्रेस?
इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हम सिर्फ उन राज्यों पर फोकस करेंगे, जहां कांग्रेस कई दलों के साथ गठबंधन में है. इसमें वे राज्य शामिल हैं, जो लोकसभा चुनाव के लिहाज से काफी ज्यादा मायने रखते हैं. कांग्रेस यूपी में 15 से 20 सीटें चाहती है, जबकि महाराष्ट्र में 16 से 20 सीटें और बिहार में 4 से 8 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस 6 से 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है.
पंजाब में कांग्रेस कम से कम 6 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. दिल्ली में उसने 3 सीटों की मांग रखी है, जबकि झारखंड में 7 सीटों पर उसकी नजर है. दक्षिण भारत के दो राज्यों तमिलनाडु और केरल में भी कांग्रेस ज्यादा सीटें चाहती है. तमिलनाडु में 8 सीटें और केरल में 16 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती है.
कैसा था इन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन?
उत्तर प्रदेश: 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक रहा था. यूपी में कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस ने अकेले ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था.
महाराष्ट्र: 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में भी कांग्रेस ने निराशाजनक प्रदर्शन करते हुए सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 2019 में एनसीपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, जिसे चार सीटों पर जीत मिली थी.
बिहार: देश के इस राज्य में 40 सीटें हैं, जिस पर कांग्रेस ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. बिहार में कांग्रेस ने महागठबंधन बनाया था, जिसमें आरजेडी, सीपीआईएमएल जैसी पार्टियां थीं. 9 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी.
पश्चिम बंगाल: 42 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में भी कांग्रेस ने औसत से खराब प्रदर्शन किया था. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें आईं, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने यहां 22 सीटें और बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की.
पंजाब: पंजाब में लोकसभा की 13 सीटें हैं और यहां कांग्रेस का प्रदर्शन भी अच्छा रहा था. कांग्रेस को यहां 8 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि अकाली दल, बीजेपी को दो-दो सीटें मिलीं. आम आदमी पार्टी ने यहां एक सीट जीती थी.
दिल्ली: 7 लोकसभा सीटों वाली दिल्ली में कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी. यहां पर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर बात नहीं पाई थी, जिसकी वजह से कहीं न कहीं कांग्रेस को नुकसान हुआ.
झारखंड: कांग्रेस ने झारखंड में भी बेहद खराब प्रदर्शन किया था. 14 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी, जबकि उसकी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी ने यहां 11 सीटें जीती थीं.
तमिलनाडु: देश के दक्षिणी राज्य में लोकसभा 39 सीटें हैं, जिसमें से 8 सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई. डीएमके ने यहां 23 सीटें जीती थीं.
केरल: कांग्रेस ने केरल में बेहतरीन प्रदर्शन किया था और यहां की 20 में से 15 सीटों पर जीत हासिल की थी. केरल में उसका वोटिंग पर्सेंटेज भी 37 फीसदी रहा.