भारत और अमेरिका ने वैश्विक विकास साझेदारी समझौते को पांच साल के लिए आगे बढ़ाया
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के भारत दौरे के दो दिन बाद समझौते पर दस्तखत किए गए. दौरे के दौरान दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और प्रगाढ़ करने पर सहमति व्यक्त की थी.
नई दिल्लीः भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को एक मौजूदा समझौते के प्रावधानों का विस्तार किया, जिसके तहत सहयोगी देशों को कनेक्टिविटी, व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य सेवा तथा कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त रूप से क्षमता निर्माण में मदद दी जाती है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों पक्षों ने वैश्विक विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग पर मार्गदर्शक सिद्धांतों के वक्तव्य (एसजीपी) में दूसरे संशोधन पर हस्ताक्षर किए. एसजीपी समझौते पर नवंबर 2014 में हस्ताक्षर किए गए थे और नए संशोधन ने समझौते की वैधता को 2026 तक बढ़ा दिया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ''भारत और अमेरिका मुख्य रूप से कृषि, क्षेत्रीय संपर्क, व्यापार और निवेश, पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, आपदा को लेकर तैयारी, जल, स्वच्छता, शिक्षा और संस्थान निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, कई क्षेत्रों में भागीदार देशों को क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे.''
क्या कहा गया है बयान में
बयान में कहा गया है कि दूसरा संशोधन भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से किए गए क्षमता निर्माण गतिविधियों के दायरे का विस्तार करता है और एसजीपी के तहत की जाने वाली गतिविधियों की वर्ष में दो बार निगरानी और समीक्षा के लिए एक परामर्श तंत्र भी प्रदान करता है.
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि एसजीपी समझौता, वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत और अमेरिकी साझेदारी द्वारा किए जाने वाले योगदान को रेखांकित करता है. यह विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका के भागीदार देशों की विकास जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को प्रोत्साहन देने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है.
भारत में अमेरिका के मिशन प्रभारी अतुल केशप ने समझौते के नवीनीकरण को दोनों पक्षों द्वारा वैश्विक समृद्धि के प्रति अपनी संयुक्त प्रतिबद्धता के संकेत के रूप में वर्णित किया. उन्होंने अमेरिका-भारत दोस्ती हैशटैग के साथ ट्वीट किया, ''वैश्विक समृद्धि के लिए हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता के संकेत के रूप में आज अमेरिका और भारत ने वैश्विक विकास साझेदारी समझौते को विस्तारित किया, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में भागीदार देशों की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने के हमारे लक्ष्यों की पुष्टि की.''
तकनीकी सहयोग में होगा सहायक
विदेश मंत्रालय ने कहा, ''यह समझौता दोनों राष्ट्रों की मिलकर काम करने और मांग-संचालित विकास साझेदारी प्रदान करने के लिए अपनी संयुक्त क्षमताओं का लाभ उठाने की संयुक्त प्रतिबद्धता को पूरा करने में सहायता करता है.''
बयान में कहा गया, ''अमेरिका के साथ यह त्रिकोणीय सहयोग भारत की मौजूदा और भविष्य की विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण और विश्व स्तर पर देशों के साथ तकनीकी सहयोग में सहायक होगा.''
इस संशोधन पर विदेश मंत्रालय में विकास भागीदारी प्रशासन-द्वितीय प्रभाग की संयुक्त सचिव अभिलाषा जोशी और भारत में यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) की कार्यवाहक मिशन निदेशक करेन क्लिमोस्की ने दस्तखत किए.
भारत-चीन के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 12वें दौर की अहम मीटिंग आज, डिसइंगेजमेंट पर होगी चर्चा