India America Relations: भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों के बीच सोमवार (5 जून) को हुई बैठक के बाद सामने आई तस्वीरों से यह तो साफ हो गया है कि दोनों देशों की दोस्ती गहरी हो रही है. उच्च स्तरीय मुलाकात में दोनों देशों के बीच "शेयरिंग और केयरिंग फॉर्मूले" पर आगे बढ़ने को लेकर भी सहमती बनी. राजनाथ सिंह ने कहा कि वह अमेरिका के साथ काम करने के लिए काफी उत्सुक हैं. दोनों के ही बयान चीन को परेशान करने वाले हैं.
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) के बीच हुई मुलाकात के बाद राजनाथ ने ट्वीट कर कुछ तस्वीर शेयर कीं. इनमें दोनों रक्षा मंत्रियों को मुस्कुराते हुए आपस में गले मिलते हुए देखा गया. दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच गर्मजोशी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 'ब्रदर' कहकर संबोधित किया. साथ ही भारत और अमेरिका के रिश्तों को भाईचारे वाला बताया.
भारत आए अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हुई मुलाकात में जहां भारत और अमेरिका के बीच होने वाली बड़ी रक्षा सहयोग परियोजनाओं का एजेंडा फाइनल किया. वहीं, हिंद महासागर में दिनों देशों के साझेदारी बढ़ाने के प्रोजेक्ट पर भी विस्तार से चर्चा की.
क्या चीन को परेशान करेगी भारत-अमेरिका की दोस्ती?
इस बैठक का अहम मुद्दा चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता और सैन्य मौजूदगी रहा. हाल ही में आसमान और समंदर में अमेरिकी टोही विमान और युद्धपोत को चीन की तरफ से आक्रामक चुनौती दिए जाने की घटनाएं सामने आई हैं. वहीं, भारत और चीन के बीच भी एलएसी (LAC) के मुद्दे को लेकर विवाद जारी है. इन सबके भारत और अमेरिका की दोस्ती की इन तस्वीरों ने चीन को जरूर परेशान किया होगा.
अमेरिका अब चीन को छोड़कर कर सकता है भारत का रुख
बैठक के दौरान भारत की ओर से चाइना प्लस वन फॉर्मूले के साथ सप्लाई चैन विकास पर जोर दिया गया. इसके तहत चीन पर से निर्भरता हटाकर अमेरिका भारत जैसे सप्लायर का रुख कर सकता है. अमेरिका जैसे बड़े खरीददार के ऐसा करने पर भारत का फैक्ट्री उत्पादन मजबूत हो सकेगा और चीन को इससे खासा नुकसान होगा.
भारत ने मेड इन इंडिया उत्पादों की सोर्सिंग बढ़ाने को कहा
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने अमेरिका से क्रिटिकल टेक्नोलॉजी और उच्च स्तरीय रक्षा में प्रौद्योगिकी सहयोग की बाधाएं हटाने और मिलकर काम करने का आग्रह किया. इतना ही नहीं भारत ने अमेरिका से मेड इन इंडिया उत्पादों की सोर्सिंग बढ़ाने का भी आग्रह किया. इसी कड़ी में भारतीय स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के लिए इस्तेमाल हो रहे GE इंजन के भारत में करने के समझौते पर भी बात हुई है. उम्मीद की जा रही है कि यह प्रधानमंत्री मोदी की 21-23 जून को होने वाली अमेरिका यात्रा में इस समझौते पर मुहर लगेगी.
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