India America Joint Defence Cooperation: भारत और अमेरिका ने प्रौद्योगिकी और रक्षा औद्योगिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक नए द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग रोड मैप पर सहमति व्यक्त की है. इससे संयुक्त विकास और उत्पादन के लिए रक्षा तकनीकी सहयोग में तेजी लाई जा सकती है. यह जानकारी अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है.


दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में अपने इनोवेशन इकोसिस्टम को भी मजबूत करेंगे. इसी के साथ संयुक्त भारत-अमेरिका क्वांटम समन्वय तंत्र की स्थापना की जाएगी. तकनीकी निकायों में AI पर मानकों और बेंचमार्क के निर्धारण पर भी एक साथ काम किया जाएगा. वहीं सेमीकंडक्टर निर्माण सहयोग पर एक टास्कफोर्स का गठन होगा.






'चीन एक बड़ी चुनौती जरूर है'


अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैश्विक शक्ति के रूप में भारत के उदय का समर्थन करने और इसमें भाग लेने के लिए अमेरिका इसे अपने रणनीतिक हित में देखता है. अधिकारियों ने ये भी स्वीकार किया कि चीन भी एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा, "चीन स्पष्ट रूप से हमारे दिमाग में है... यह बार-बार भारत और दुनिया के लिए एक चुनौती साबित हुआ है."


'विचारों को ठोस अमली जामा की जरूरत'


बता दें कि मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने वाशिंगटन में अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन से मुलाकात की थी. आईसीईटी (ICET) उद्घाटन बैठक के समापन के बाद व्हाइट हाउस ने एक फैक्ट शीट में कहा कि हम आपसी विश्वास के आधार पर एक खुले, सुलभ और सुरक्षित प्रौद्योगिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. वहीं NSA अजीत डोभाल ने इरादों और विचारों को ठोस अमली जामा की जरूरत पर जोर दिया. 


अमेरिका के NSA ने क्या कहा?


इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा था कि इस पहल से भारत के साथ अमेरिका की प्रौद्योगिकी साझेदारी और रणनीतिक अभिसरण तथा नीति संरेखण में तेजी आएगी.  सुलिवन ने कहा कि अमेरिका और भारतीय सरकार प्राथमिकता की सूची बनाएगी, सबसे पहले दोनों पक्षों की बाधाओं को दूर करने के लिए, ताकि सभी की महत्वाकांक्षा को सक्षम बनाया जा सके.


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