नई दिल्ली: म्यांमार में तख्तापलट की घटना के कारण पूरा विश्व हैरान है. वहीं विदेश मंत्रालय ने कहा है कि म्यांमार में सैन्य तख्तापलट की घटना के बाद वहां की स्थिति का आकलन करने के लिए भारत और अमेरिका ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता के दौरान म्यांमार के घटनाक्रम पर चर्चा हुई. श्रीवस्तव ने कहा, 'भारत और अमेरिका संपर्क में बने रहने और स्थिति पर आकलन साझा करने पर सहमत हुए हैं.'
उन्होंने कहा है कि भारत का मानना है कि कानून का शासन एवं लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं म्यांमार में अवश्य ही कायम होनी चाहिए. प्रवक्ता ने कहा, 'दोनों देशों के बीच करीबी सांस्कृतिक संबंध हैं. व्यापार, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में भी संबंध मजबूत हुए हैं.' उन्होंने कहा, 'हम म्यांमार में घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए हैं. हम इस मुद्दे को लेकर सभी के साथ संवाद जारी रखेंगे.'
श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि भारत को म्यांमार की सेना ने एक पत्र भेजा है, जिसमें सैन्य तख्तापलट के कारणों का उल्लेख किया गया है. म्यांमार की सेना ने इस प्रकार के पत्र अन्य देशों को भी भेजे हैं.
क्या है मामला?
बता दें कि हाल ही में म्यांमार की सेना ने देश की असैन्य सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची और उनकी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के अन्य नेताओं को हिरासत में लेने के बाद आपातकाल लगा दिया.
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