भारत और चीन ने WMCC की बैठक में समयबद्ध तरीके से सीमा तनाव घटाने पर जताई सहमति
वार्ता के दौरान भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से डी-एस्केलेशन पर भी दोनों पक्षों ने रजामंदी जताई.साथ ही द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए शांति बनाए रखने पर भी सहमति व्यक्त की.
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा तनाव घटाने के लिए चल रही कवायदों की शुक्रवार को उच्च स्तरीय समीक्षा की गई. दोनों देशों ने सीमा मामलों पर संवाद और तालमेल के लिए बने संयुक्त कार्य तंत्र (WMCC) की बैठक के दौरान समयबद्ध तरीके से सैनिकों की संख्या कम करने और एलएसी पर शांति बहाली के तय उपायों को लागू करने पर सहमति जताई गई.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत-चीन के बीच सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए बने संयुक्त कार्यतंत्र पर 16वीं बैठक 10 जुलाई 2020 को आयोजित की गई. इसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने किया था, जबकि चीनी विदेश मंत्रालय के दल की अगुवाई महानिदेशक स्तर अधिकारी ने किया. दोनों देशों के बीच मौजूदा सीमा के दौरान यह की दूसरी डब्ल्यूएमसीसी बैठक थी.
वार्ता के दौरान भारत-चीन सीमा क्षेत्रों से डी-एस्केलेशन पर भी दोनों पक्षों ने रजामंदी जताई. साथ ही द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायी शांति और अमन बनाए रखने की ज़रूरत पर भी सहमति व्यक्त की.
विदेश मंत्रालय अधिकारियों के मुताबिक.बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने 17 जून 2020 को हुई भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की चर्चा में बनी आपसी समझ और दो विशेष प्रतिनिधियों (एसआर) के बीच 5 जुलाई 2020 को हुई टेलीफोनिक बातचीत के दौरान हुई सहमति का भी संज्ञान लिया. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत थे कि सीमा पर सैन्य स्तर पर जमावड़ा कम करना सुनिश्चित करेंगे. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शांति बहाली की जाएगी.
करीब दो घण्टे चली बैठक में भारत और चीन के अधिकारियों ने एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र में सैन्य तनाव घटाने और सैनिक जमावड़ा कम करने के लिए अब तक किए गए उपायों की समीक्षा की. इस बात पर सहमत थे वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच बनी समझ को ईमानदारी से लागू करना आवश्यक है. महत्वपूर्ण है कि जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई वार्ता में सैनिक तनाव घटाने पर सहमति जताई थी. इसके बाद चीन और भारत के लद्दाख में आमने-सामने के मोर्चों से पीछे हटने का सिलसिला शुरू हो गया था.
खबर लिखे जाने तक फिलहाल लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेंगोंग झील, गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग आदि सभी जगहों पर चीनी सैनिक पीछे हट चुके थे. वहीं भारत ने भी अपने सैनिकों की संख्या को कम किया है. साथ ही प्रयास जारी हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अप्रैल 2020 की स्थिति बहाल की जा सके.
भारत और चीन दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति के मुताबिक वरिष्ठ कमांडर जल्द ही आगे के चरणों पर भी चर्चा करेंगे ताकि समय बद्ध तऱीके से ढंग सैन्य तनाव घटाने और सैनिक जमावड़ा कम करने की तय प्रक्रिया पूरी हो सके.
दोनों पक्षों ने स्थिति के शीघ्र समाधान को सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक और सैन्य दोनों स्तरों पर जारी संचार को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की. इस संदर्भ में निकट भविष्य में भी दोनों देश डब्ल्यूएमसीसी की एक और बैठक आयोजित करने पर सहमत हैं.