नई दिल्ली: सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि सीमा विवाद एक गंभीर मुद्दा है. दोनों देश शांति पर सहमत हैं. हमारे सैनिकों ने बलिदान दिया है. जिस तरह स हमारी सेना सुरक्षा कर रही है हमें उन पर गर्व है. उन्होंने कहा कि वे आश्वस्त करना चाहता हैं कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.


रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण की बड़ी बातें




  1. राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों को एलएसी का सम्मान करना चाहिए. एलएसी पर अभी भी चीन की सेना मौजूद है. अप्रैल में चीन ने एलएसी पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई. मई में चीन ने घुसपैठ करने की कोशिश की.  15 जून को गलवान में चीन ने हिंसा की.

  2. रक्षा मंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण बातचीत से ही हल निकलेगा. सीमा विवाद एक गंभीर मुद्दा है. दोनों देश शांति पर सहमत हैं. हमारे सैनिकों ने बलिदान दिया. जिस तरह से हमारी सेना सुरक्षा कर रही है हमें उस पर गर्व है.

  3. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन ने सभी नॉर्म्स का उल्लंघन किया. चीनी सैनिकों का हिंसक आचरण पिछले सभी समझौतों का उल्लंघन है. मौजूदा स्थिति के अनुसार चीनी सेना ने एलएसी के अंदर बड़ी संख्या में जवानों और हथियारों को तैनात किया है और क्षेत्र में दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव के अनेक बिंदु हैं

  4. राजनाथ सिंह ने कहा, “चीनी रक्षा मंत्री के साथ बैठक में, मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब हमारे सैनिकों ने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति एक जिम्मेदार रुख अपनाया था, लेकिन साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए हमारे दृढ़ संकल्प के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए.”

  5. हमने चीन को डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल्स के माध्यम से ये अवगत करा दिया कि इस तरह की गतिविधियां स्टेटस-को (यथास्थिति) को बदलने का प्रयास है. ये भी साफ कर दिया कि ये प्रयास किसी भी सूरत में हमें मंजूर नहीं है.

  6. एलएसी के ऊपर प्रिक्शन बढ़ता हुआ देखकर दोनों तरफ के सैन्य कमांडरों ने 6 जून 2020 को मीटिंग की और इस बात पर सहमति बनी कि रेसीप्रोकल एक्शंस के जरिए डिसइंगेजमेंट किया जाए.

  7. राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर समहत हुए कि एलएसी को माना जाएगा और कोई भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जाएगी जिससे यथास्थिति बदले.

  8. चीन की तरफ से 29 और 30 अगस्त की रात को सैनिक कार्रवाई की गई. जो पेंगोंग लेक के साउथ बैंक एरिया में यथास्थिति को बदलने का प्रयास था. लेकिन एक बार फिर हमारी आर्म्स फोर्सेज की तरफ से उनके प्रयास विफल कर दिए गए.

  9. रक्षा मंत्री ने कहा कि इन घटनाक्रमों से ये साफ है कि चीन की कार्रवाई से हमारे द्विपक्षीय समझौतों के प्रति उसका डिसरिगार्ड पूरी तरह से दिखता है. चीन की तरफ से भारी मात्रा में सैनिकों की तैनाती किया जाना 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन है.

  10. राजनाथ सिंह ने कहा कि एलएसी का सम्मान करना और उसका कड़ाई से पालन किया जाना सीमा क्षेत्रों में शांति और सद्भाव का आधार है. 1993 और 1996 के समझौते में इसे साफ तौर पर स्वीकार किया गया है. हमारी सेना इसका पूरी तरह से पालन करती हैं. चीन की तरफ से ऐसा नहीं हुआ है.


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