India-China LAC Row: भारत-चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत में अनसुलझे रहे कई मुद्दे, नहीं निकला ठोस समाधान
India-China LAC Row: भारत-चीन कोर कमांडर-स्तरीय की 19वें दौर की बैठक सबसे लंबे समय तक चली. दोनों देशों की सेनाओं के बीच चुशुल-मोल्डो सीमा पर ये बातचीत करीब 17 घंटे तक चली.
India-China LAC Row: भारत और चीन के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, अब इसे लेकर 19वें दौर की बातचीत हुई है. सैन्य स्तर की इस बातचीत के खत्म होने के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें तमाम तरह की जानकारियां दी गईं. हालांकि करीब 17 घंटे तक चली इस कमांडर स्तर की बातचीत में कोई भी ठोस समाधान नहीं निकल पाया. कई मुद्दों को लेकर अब भी टकराव की स्थिति बनी हुई है.
विवादित इलाकों पर ठोस समाधान नहीं
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 19वें दौर की बातचीत में भी विवादित जगहों को लेकर कोई बात नहीं बन पाई. रिपोर्ट में बताया गया है कि सैन्य वार्ता में पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैन्य टकराव के मसले को हल करने में कोई भी ठोस समाधान नहीं निकल पाया है.
कुछ मुद्दों पर सहमत नहीं हुआ चीन
इस रिपोर्ट में TOI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि रणनीतिक तौर पर भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाने वाले डेपसांग, काराकोरम दर्रे और डेमचोक में भारतीय सैनिकों के पेट्रोलिंग के अधिकार को बहाल करने पर चीन सहमत नहीं हुआ है. हालांकि पिछली सैन्य वार्ताओं की तुलना में ये बैठक बेहतर थी, क्योंकि इसमें कुछ मुद्दों को लेकर दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहमति बनी है.
संयुक्त बयान में दी गई जानकारी
दोनों पक्षों की तरफ से दो दिवसीय सैन्य वार्ता खत्म होने के एक दिन बाद एक संयुक्त बयान में बताया गया, “दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर बाकी मुद्दों के समाधान पर सकारात्मक, रचनात्मक और गहन चर्चा की.” भारत-चीन कोर कमांडर-स्तरीय बैठक के 19वें दौर के बाद जारी बयान में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले इलाकों से सैनिकों की वापसी में किसी तत्काल सफलता का संकेत नहीं मिला. इससे पहले 18वें दौर की सैन्य वार्ता 23 अप्रैल को हुई थी, जिसमें भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने की वकालत की थी.
19वें दौर में सबसे लंबी बातचीत
ये पहली बार था कि लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद पर उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता दो दिन तक चली. ये सैन्य वार्ता 13-14 अगस्त को भारतीय सीमा पर चुशुल-मोल्डो सीमा मीटिंग प्वाइंट पर आयोजित की गई थी. दोनों सेनाओं के बीच हुई ये बातचीत पीएम नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जोहानिसबर्ग की यात्रा से एक हफ्ते पहले हुई है. यात्रा के दौरान वहां उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हो सकती है.