ढाई महीने बाद हुई भारत और चीन के बीच कूटनीतिक बातचीत, जल्द होगी 9वें दौर की सैन्य वार्ता
आखिरी बार डब्ल्यूएमसीसी की बैठक 30 सितंबर को हुई थी और यह 2012 में बनाए गए मैकेनिज्म के बाद 19वीं बैठक थी. लेकिन, इस बातचीत में विवाद पर आगे कोई बातचीत नहीं बन पाई थी.
पूर्वी लद्दाख में तनातनी के बीच भारत और चीन के बीच करीब ढाई महीने बाद शुक्रवार (18 दिसंबर) को सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की बैठक हुई. दोनों पक्षों के राजनयिकों के बीच वर्चुअल मीटिंग के दौरान दोनों पक्षों ने मॉस्कों में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बने पांच सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा हुई. इसके साथ ही, जल्द नौवें दौर की सैन्य वार्ता पर पर सहमति बनी है.
डब्ल्यूएमसीसी की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा- दोनों पक्षों के सीनियर नेताओं की तरफ दी गई गाइडलाइन्स और दोनों देशों के विदेश मंत्रियों और विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौतों के आधार पर दोनों देशों की तरफ से वेस्टर्न सेक्टर में एलएसी से लगते सभी संघर्ष स्थलों पर जल्द से जल्द सैन्य विघटन सुनिश्चित करने की दिशा में लगातार काम किया जाएगा.
आखिरी बार डब्ल्यूएमसीसी की बैठक 30 सितंबर को हुई थी और यह 2012 में बने कार्यतंत्र के बाद 19वीं बैठक थी. लेकिन, इस बाचतीच में विवाद पर आगे कोई बातचीत नहीं बन पाई थी.
Two sides agreed that based on guidance provided by senior leaders & agreements reached b/w two Foreign Ministers & Special Representatives, they would continue to work towards ensuring complete disengagement in all friction points along LAC in Western Sector at the earliest: MEA https://t.co/ezdwxV5SJr
— ANI (@ANI) December 18, 2020
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच करीब आठ महीने से गतिरोध बना हुआ है. इस साल पहली बार 5 मई को भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी. उसके बाद से लगातार लद्दाख में भारी तनाव की स्थिति बरकरार है और दोनों तरफ करीब 60-60 हजार जवान तैनात हैं.
WMCC की बैठक के एक दिन पहले गुरुवार को भारत ने उम्मीद जताई कि चीन के साथ आगे बातचीत से दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी संघर्ष वाले इलाकों से पूर्ण रूप से पीछे हटने के लिये परस्पर रूप से स्वीकार्य समझौते पर पहुंचने में मदद मिलेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता में बताया कि दोनों पक्ष राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों के जरिये सम्पर्क बनाये हुए हैं और इन चर्चाओं के माध्यम से दोनों पक्षों को एक दूसरे के रूख के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिली है.
शंघाई में भारतीय वाणिज्यदूतावास द्वारा चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी के कम से कम एक सदस्य को नियुक्त किये जाने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह इस सूचना की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करने की स्थिति में नहीं हैं.
श्रीवास्तव ने कहा, "हमारी यह उम्मीद है कि आगे बातचीत से दोनों पक्षों को पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सभी संघर्ष वाले इलाकों में पूर्ण रूप से पीछे हटना सुनिश्चित करने के लिये परस्पर रूप से स्वीकार्य समझौते पर पहुंचने एवं जल्द से जल्द शांति स्थापित करने में मदद मिलेगी." गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में शून्य से नीचे तापमान वाले पूर्वी लद्दाख के पर्वतीय क्षेत्र में करीब 50 हजार भारतीय सैनिक पूरी तरह से तैयार स्थिति में तैनात हैं. दोनों देशों के बीच गतिरोध को समाप्त करने को लेकर बातचीत का अभी कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है.
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