Dharma Guardian: भारत-जापान की सेनाएं अब करेंगी 'धर्म गार्जियन' सैन्य अभ्यास, हाल ही में खत्म हुआ है हवाई युद्धाभ्यास
Indo-Japan Army Exercise: दोनों देशों के बीच यह चौथा संयुक्त सैन्य अभ्यास है. हाल ही में दोनों देशों की एयरफोर्स ने अपना पहला संयुक्त युद्धाभ्यास खत्म किया है.
Dharma Guardian Army Exercise: भारत और जापान की सेनाएं शुक्रवार (17 फरवरी) से दो सप्ताह का सैन्य अभ्यास शुरू करेंगी. दोनों देशों ने इस संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास को 'धर्म गार्जियन' नाम दिया है. यह जापान के शिगा प्रांत कैंप इमाजू में आयोजित किया जाएगा. इसके जरिए संयुक्त अभ्यास से दोनों सेनाओं को एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने, अपने व्यापक अनुभव साझा करने और परिस्थितिजन्य जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 'धर्म गार्जियन' सैन्य अभ्यास जंगल, अर्ध-शहरी और शहरी इलाकों में आयोजित किया जाएगा. यह 17 फरवरी से 2 मार्च तक चलेगा. भारत और जापान के बीच संयुक्त 'धर्म गार्जियन' सैन्य अभ्यास का यह चौथा संस्करण है. इसमें भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स (JJSDF) की इन्फैंट्री रेजिमेंट संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास में भाग लेगी.
रक्षा सहयोग को और बढ़ाया जाएगा
रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, संयुक्त अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त योजना बनाने और संयुक्त सामरिक अभ्यास करने के लिए अपने अनुभवों को साझा करेंगी. प्रशिक्षण अभ्यास में शामिल होने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी 12 फरवरी को अभ्यास स्थल पर पहुंच गईं थीं. इस संयुक्त अभ्यास के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को और बढ़ाएगा. इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे और बढ़ावा मिलेगा.
हाल ही समाप्त हुआ है संयुक्त हवाई युद्धाभ्यास
दोनों देशों ने इससे पहले अपना पहला संयुक्त हवाई युद्धाभ्यास खत्म किया है. दोनों देशों ने 16 दिन तक जापान के हयाकुरी एयर बेस में अपने शौर्य का प्रदर्शन किया. दोनों देशों ने इसे 'वीर गार्जियन' नाम दिया है. जापान ने इसमें अपने F-2 और F-15 फाइटर विमानों को उतारा, तो वहीं भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने सुखोई-30 MKI विमानों के साथ भाग लिया. भारतीय वायुसेना के C-17 और एक IL-78 विमान भी शामिल हुए थे.
ये भी पढ़ें-Success Story: कठिन परिस्थितियों से लड़कर जीतीं मारिया, मां को खोने के बावजूद जीते स्वर्ण पदक