India-Pakistan Agreement: तीन दशक से ज्यादा समय से जारी सिलसिले को बरकरार रखते हुए भारत और पाकिस्तान ने एक द्विपक्षीय समझौते के तहत अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का बुधवार (01 जनवरी, 2025) को आदान-प्रदान किया. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई.


विदेश मंत्रालय ने कहा कि सूची का आदान-प्रदान परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले को रोकने वाले एक समझौते के प्रावधानों के तहत हुआ. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच राजनयिक माध्यम से सूची का आदान-प्रदान एक साथ किया गया. मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान ने आज राजनयिक माध्यम से नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया.’’


1988 में हुए थे समझौते पर हस्ताक्षर


इस सूची का आदान-प्रदान कश्मीर मुद्दे के साथ-साथ सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में गतिरोध के बीच हुआ है. समझौते पर 31 दिसंबर, 1988 को हस्ताक्षर किए गए थे और 27 जनवरी, 1991 को यह लागू हुआ. समझौते के तहत दोनों देशों के बीच, हर साल की पहली जनवरी को अपने-अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के बारे में एक-दूसरे को सूचित करने का प्रावधान है.


विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘यह दोनों देशों के बीच ऐसी सूचियों का लगातार 34वां आदान-प्रदान है. इस सूची का पहला आदान-प्रदान एक जनवरी, 1992 को हुआ था." 


नागरिकों और मछुआरों के नाम भी किए गए शेयर 


इसके अलावा, विदेश मंत्रालय ने ये भी बताया कि भारत ने 381 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों के नाम भी शेयर किए हैं, जो या तो पाकिस्तानी हैं या जिनके पाकिस्तानी होने का शक है. फिलहाल ये भारत की हिरासत में बंद हैं. इसी तरह, पाकिस्तान ने भी अपनी हिरासत में 49 नागरिक कैदियों और 217 मछुआरों के नाम शेयर किए हैं, जो या तो भारतीय हैं या ये माना जाता है कि वे भारतीय हैं. भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से नागरिक कैदियों, मछुआरों और उनकी नावों के साथ-साथ लापता भारतीय रक्षा कर्मियों की जल्द से जल्द रिहाई और भारत वापसी का वापसी का आह्वान किया है. 


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