India and Saudi Arabia Officers Meeting: भारत और सऊदी अरब के रिश्ते पिछले कुछ साल में काफी बेहतर हुए हैं. दोनों देशों ने रविवार (28 जुलाई 2024) को रिश्तों का एक और नया चैप्टर खोला. दरअसल, दोनों के बीच संडे को रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल प्लांट्स,  न्यू और रिन्युएबल एनर्जी और बिजली सहित पब्लिक और प्राइवेट सेक्टरों में विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा की गई. 


निवेश पर भारत-सऊदी अरब उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक में पारस्परिक रूप से लाभकारी तरीके से दोतरफा निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उपायों की समीक्षा की गई. इसकी सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद ने वर्चुअल मोड में की. वहीं, इस बैठक से पाकिस्तान की बेचैनी एक बार फिर बढ़ गई होगी.


इन मुद्दों पर हुई दोनों पक्ष की चर्चा


प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने टास्क फोर्स की तकनीकी टीमों के बीच हुई चर्चाओं की समीक्षा की. इसके अलावा पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के अलग-अलग क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा हुई. जिसमें रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल प्लांट्स, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, टेलिकम्यूनिकेशन, इनोवेशन आदि शामिल हैं.


सऊदी के निवेश के लिए फिर दिया समर्थन


पीएमओ के बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने पारस्परिक रूप से लाभकारी तरीके से दोतरफा निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उपायों की विस्तृत समीक्षा की. पीके मिश्रा ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान प्रतिबद्ध 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सऊदी निवेश को सक्रिय समर्थन प्रदान करने के लिए भारत सरकार के दृढ़ इरादे को दोहराया.


दोनों देशों की टेक्निकल टीम करेगी बातचीत


पीएमओ की ओर से दी गई सूचना में ये भी कहा गया है कि बैठक में दोनों पक्षों ने चर्चा को आगे बढ़ाने और विशिष्ट निवेशों पर एक समझौते पर पहुंचने के लिए दोनों देशों की टेक्निकल टीमों के बीच नियमित बातचीत को जरूरी बताया. इसके अलावा ये भी तय हुआ कि सचिव पेट्रोलियम के नेतृत्व में एक डेलिगेशन तेल और गैस क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभकारी निवेश पर फॉलोअप डिस्कशन के लिए सऊदी अरब का दौरा करेगा. बैठक में सऊदी अरब को भारत में सॉवरेन वेल्थ फंड पीआईएफ का एक कार्यालय स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित किया गया. इसी बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक के अगले दौर के लिए सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री को भारत आमंत्रित किया.


क्या है हाई लेवल टास्क फोर्स?


हाई लेवल टास्क फोर्स एक स्पेशल बॉडी है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री हिज रॉयल हाइनेस प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद की ओर से सितंबर 2023 में भारत की राजकीय यात्रा के दौरान लिए गए निर्णय के बाद द्विपक्षीय निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए बनाई गई थी. इसमें दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जिनमें नीति आयोग के सीईओ, भारत से आर्थिक मामलों, वाणिज्य, विदेश मंत्रालय, डीपीआईआईटी, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, बिजली के सचिव शामिल हैं.


पाकिस्तानी फिर हो सकता है परेशान


भारत और सऊदी अरब के अधिकारियों की इस बैठक से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान एक बार फिर परेशान हो सकता है. पाकिस्तान सऊदी अरब की भारत से बढ़ती नजदीकियों से काफी बौखलाया हुआ है. समय-समय पर यह बौखलाहट दिखी भी है. सऊदी अरब पाक से लगातार दूरी बना रहा है, जो वहां की सरकार औऱ लोगों को रास नहीं आ रहा है. पाकिस्‍तान को डर है कि सऊदी अरब ने कुछ दिनों पहले जो 25 अरब डॉलर के भारी भरकम का निवेश पाकिस्‍तान में करने के लिए कहा था वह भारत से बढ़ती नजदीकियों की वजह से कैंसल न हो जाए.


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