भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने शनिवार को 'एयर बबल' व्यवस्था के तहत उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर बात की. इस बातचीत में आने वाले महीनों में सरकार की विनिवेश और मोनेटाइजेशन नीति में निवेशकों की रुचि को देखते हुए निवेश बढ़ाने पर भी चर्चा हुई.
सुलझा लिया गया है अधिकतर मामले
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और संयुक्त अरब अमीरात के उच्च अधिकारियों की बैठक के बाद कहा कि हम आसानी से अधिकतर मुद्दों को सुलझा लिया है. ज्वाइंट टास्क फोर्स एक सामान्य मंच तैयार करेगी ताकि बातचीत जारी रह सके और समय-समय पर नई संभावनाओं को देखा जा सके.
केंद्रीय मंत्री ने DP वर्ल्ड और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट ऑथरिटी जैसी कंपनियों के अधिकारियों से भी मुलाकात की. पीयूष गोयल ने कहा कि UAE में मौजूद संस्थाएं पुराने मुद्दों से आगे बढ़ गई हैं. जैसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2जी लाइसेंस रद्द करने के बाद Etisalat का बाहर निकलना और और रियल एस्टेट की दिग्गज एमार की समस्याएं. उन्होंने कहा कि बीती बातों को भूलकर आगे बढ़ने अवसरों को देखना चाहिए.
कंपनियों ने दिखाई रुचि
उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों के अधिकारियों से वो मिले उन्होंने सुझाया सड़क जैसे प्रोजेक्ट्स के मोनेटाइजेश प्रोग्राम बड़े होने चाहिये. साथ ही उन्होंने रेलवे सेक्टर में भी रुचि दिखाई, जैसे कि रेलवे का लॉजिस्टिक सेग्मेंट.
उनका सुझाव था कि लॉजिस्टिक्स की लागत को 0.5-1 प्रतिशत कम किया जा सकता है. दुनिया के कई अन्य हिस्सों में 8-9 प्रतिशत की तुलना में भारत की रसद लागत 13 प्रतिशत तक बढ़ गई है.
पीयूष गोयल ने कहा कि आरबीआई ने अमीरात एनबीडी बैंक को देश में दो शाखाएं खोलने की अनुमति दी है.
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