प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दौरे ने दुबई, शारजाह और अबूधाबी समेत कई शहरों में फैले दाऊद इब्राहिम के नेटवर्क की कमर तोड़ने का खाका तैयार कर दिया है. UAE के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद की मुलाकात ने उस नए समझौते को तय कर दिया जिसके तहत भारत और UAE वित्तीय खुफिया सूचनाएं, मनी लॉन्ड्रिंग पर जानकारियां और आतंक की आर्थिक रसद रोकने पर साझेदारी कर सकेंगे. साथ ही UAE में डी-कम्पनी के हज़ारों करोड़ के कारोबार और संपत्तियों पर ताला जड़ने का रास्ता भी साफ हो जाएगा.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देश जल्द से जल्दइस समझौते पर दस्तखत कर लेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के बाद जारी साझा बयान में UAE ने भारत के साथ आतंक के खिलाफ साझेदारी और ड्रग्स तस्करी से मुकाबले पर भी सहयोग बढ़ाने की भी बात कही है.
सूत्रों के मुताबिक जल्द होने जा रहे नए समझौते के सहारे दोनों देश अब दाऊद इब्राहिम के UAE में फैले कारोबार की कमर तोड़ने पर अधिक चुस्ती के साथ सहयोग कर सकेंगे. मामले की जानकारी रखने वाले आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस बारे में तेज़ी से और सही दिशा में काम चल रहा है और जल्द ही ठोस नतीजे भी सामने आ जाएंगे.
इस मामले पर विदेश मंत्रालय में खड़ी देशों के प्रभारी संयुक्त सचिव मृदुल कुमार ने प्रधानमंत्री की रवानगी से पहले एबीपी न्यूज़ के सवाल पर कहा था कि इस मुद्दे पर बीते ढाई सालों में काफी काम हुआ है. केवल UAE ही नहीं, आतंकवाद को लेकर अपनी चिंताओं के मुद्दे पर भारत खड़ी क्षेत्र के सभी मुल्कों के साथ गंभीर विचार विमर्श कर रहा है. बताया गया है कि देश की एजेंसियां लगातार संपर्क में हैं ताकि ऐसे तत्व जो भारतीय हितों के खिलाफ है या UAE और सऊदी जैसे मित्र देशों के खिलाफ काम करते हैं उनका हम मिलकर सफाया कर सकें.
सूत्रों के मुताबिक नए समझौते के तहत भारत की सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसे एजेंसियां डी-कंपनी की बेनामी संपत्तियों और उसके कारोबार से जुड़ी जानकारियों को कार्रवाई के लिए तेज रफ्तार साझा कर पाएंगे. इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और उनके UAE समकक्ष के बीच बने कम्युनिकेशन नेटवर्क के जरिये सूचनाओं को अमल में लाने की मॉनिटरिंग भी संभव हो सकेगी.
भारत पहले ही UAE को दाऊद इब्राहिम, उसके रिश्तेदारों और गुर्गों की संपत्तियों का एक डॉज़ियर दे चुका है. बताया जाता है की इसमें दुबई समेत कई शहरों में होटल, रिहायशी मकान और कंपनियां शामिल हैं.
सूत्र बताते हैं की भारत के डोसियर के आधार पर UAE सरकार ने भी डी-कंपनी नेटवर्क पर अपनी जांच कर कार्रवाई का सिलसिला शुरू किया है. वहीं नए समझौते के बाद इस कार्रवाई में अधिक तेज़ी की उम्मीद है.
आतंकवाद और कट्टरपंथ का मिलकर करेंगे मुकाबला
आबूधाबी: मोदी और शेख जायद अल नाहन ने एक सुर में कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ किसी भी सूरत में जायज़ नहीं ठहराए जा सकते. संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने देशों को मज़हब के नाम पर आतंकवाद के समर्थन और सरकारी नीति की तरह इसके इस्तेमाल की भी पुरज़ोर निंदा की है.
दोनों देशों ने आतंकवाद और कट्टरपंथ का भी मिलकर मुकाबला करने का भी संकल्प जताया. साथ ही दोनों नेताओं ने कहा कि आतंकवाद के सुरक्षित ठिकानों और आतंकी गतिविधियों को पनाह देने वालों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है. कट्टरपंथ से मुकाबले की कड़ी में मोदी और शेख जायद ने इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस्तेमाल, उन्माद फैलाने के लिए धार्मिक केंद्रों का इस्तेमाल रोकने के लिए मिलकर प्रयास का संकल्प किया.
दोनों देशों ने फरवरी 2016 में सायबर अपराधों के खिलाफ एक समझौता भी किया. हुए समझौते के अमल की खातिर एक नया केंद्र बनाने का भी फैसला हुआ है.
दो सालों में दो बार एक दूसरे का मेहमान बन हैं मोदी और प्रिंस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और UAE के शहज़ादे शेख ज़ायद अल नाहन के बीच बने बेहतरीन केमिस्ट्री का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की बीते तीन सालों में दोनों नेता दो बार एक दूसरे के मेहमान बन चुके हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी
अगस्त 2015 में पहली बार UAE गए थे वहीं शहज़ादे शेख ज़ायद अल नाहन पहले फरवरी 2016 और जनवरी 2017 में गणतंत्र दिवस का मौके पर भारत के खास मेहमान थे. शेख ज़ायद के 2017 के दौरे में ही भारत और UAE ने रणनीतिक साझेदारी के करारनामे पर दस्तखत भी किए थे.