नई दिल्ली: भारत ने एंटीगुआ और बरबूडा के प्रशासन से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के हजारों करोड़ रुपये के ऋण घोटाले के प्रमुख आरोपियों में एक मेहुल चोकसी को हिरासत में लेने को कहा है. भारत को चोकसी के इस कैरिबियाई द्वीप समूह में मौजूद होने की सूचना मिली है. उसके बाद ही यह कदम उठाया गया है. चोकसी के मामले में भारत लगातार एंटीगुआ के संपर्क में है. वहां के अधिकारियो से थल, जल और हवाई मार्ग से चोकसी की आवाजाही पर रोक लगाने का आग्रह किया गया है.


एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘‘जैसे ही विदेश मंत्रालय को चोकसी के एंटीगुआ में मौजूद होने की सूचना मिली, हमारे जॉर्जटाउन के हाई कमिशन ने एंटीगुआ और बरबूडा सरकार को लिखित और मौखिक रूप से अलर्ट किया है. वहां की सरकार से कहा गया है कि चोकसी की उनके इलाके में मौजूदगी की पुष्टि की जाए और साथ ही उसे हिरासत में लिया जाए. उसे जमीन, हवा और समुद्री मार्ग से कहीं आने जाने नहीं दिया जाए.’’


विपक्ष ने साधा निशाना


चोकसी के मामले पर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रंदीप सुरजेवाला ने कहा, "मेहुल चोकसी को वापस लाने के मामले में देश की आंखों में धूल झोंकने से पहले पीएम को कुछ सवालों के जवाब ज़रूर देने चाहिए."






उन्होंने आगे लिखा कि क्या पीएम को पता है कि मेहुल चोकसी कहां है? क्या उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है? क्या पीएम और वित्त मंत्री ने एंटिगुआ के उनके समकक्षों से बात की है? उन्होंने ये भी पूछा की चोकसी को हॉन्ग कॉन्ग, यूएई, यूके और यूएस जाने की अनुमति कैसे मिली.


पिछले सप्ताह चोकसी ने दावा किया था कि उसने अपने कारोबार के विस्तार के लिए पिछले साल एंटीगुआ की नागरिकता ली थी क्योंकि कैरिबियाई देश के पासपोर्ट से 132 देशों में बिना वीजा यात्रा की जा सकती है. सूत्रों ने कहा, ‘‘हमारे उच्चायुक्त एंटीगुआ और बरबूडा सरकार में जुड़े अधिकारियों से मिल रहे हैं. हम भारत सरकार और एंटीगुआ और बरबूडा सरकार की एजेंसियों के जरिये इस मामले को आगे बढ़ाएंगे.’’


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