India-China Relations:: भारत ने गुरुवार (6 अप्रैल) को उम्मीद जतायी कि चीनी प्रशासन अपने देश में भारतीय पत्रकारों की मौजूदगी को सुगम बनाना जारी रखेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब चीन ने कुछ ही दिन पहले भारत के दो पत्रकारों के वीजा पर रोक लगाने का निर्णय किया है. 


बागची ने इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत में चीन के ऐसे कई पत्रकार हैं जिन्हें पत्रकारिता संबंधी कार्य करने के लिए भारतीय वीजा दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस नजरिये से हमें उनके (चीनी पत्रकारों के) रिपोर्टिंग करने में कोई कठिनाई नहीं दिखाई देती है. 


विदेश मंत्रालय ने क्या कहा? 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि जहां तक भारतीय पत्रकारों के चीन में काम करने का विषय है, हम उम्मीद करते हैं कि चीनी प्रशासन अपने देश में भारतीय पत्रकारों की मौजूदगी और वहां से रिपोर्टिंग करना सुगम बनाना जारी रखेगा.  उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में चीनी प्रशासन के संपर्क में हैं. 


मामला क्या है?
बहरहाल, चीन ने अपने पत्रकारों की सुविधा को लेकर भारत से सहूलियत मांगी है हालांकि उसने दो भारतीय रिपोटरों के वीजा पर रोक लगाने के हाल के कदम का बचाव किया है.  चाइना के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार (4 अप्रैल) के सूचित किया कि  ‘द हिन्दू’ के चीन स्थित रिपोर्टर अनंत कृष्णन और बीजिंग स्थित प्रसार भारती संवाददाता अंशुमन मिश्रा के वीजा पर रोक लगायी जाती है जो अभी छुट्टी पर हिंदुस्तान में हैं और अगले आदेश तक लौट नहीं सकते. 


चीन ने क्या कहा? 
चीन ने दो भारतीय पत्रकारों के वीजा को निलंबित करनेके बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि काफ समय से चीनी पत्रकारों के साथ भारत में भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता है।


चीनी प्रवक्ता ने दावा किया, साल 2017 में भारत ने चीनी पत्रकारों की वीजा अवधि को तीन माह से घटाकर एक माह कर दिया। भारत ने चीनी पत्रकारों को भारत में जाने की अनुमति मांगने वाले आवेदनों को नकार दिया.


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