नई दिल्ली: भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने के मौके पर भारत-आसियान स्मारक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है. इस शिखर बैठक का आयोजन ऐसे समय हो रहा है जब क्षेत्र में चीन का आर्थिक और सैन्य हठधर्मिता बढ़ती जा रही है.

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर भी होगी चर्चा

सम्मेलन में अन्य बातों के अलावा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, सुरक्षा और व्यापार में संबंधों को मजबूत बनाने पर विशेष रूप से चर्चा होगी. सम्मेलन में सभी 10 आसियान देशों के नेता भाग लेंगे. वे गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि भी होंगे. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारत के लिये इन देशों के समक्ष व्यापार और संपर्क जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में अपने आप को एक शक्तिशाली सहयोगी के तौर पर प्रस्तुत करने का बेहतर अवसर हो सकता है.

समुद्री क्षेंत्र में सहयोग और सुरक्षा के मुद्दे पर होगी नेताओं के बीच बैठक

इस दौरान नेताओं के बीच आज बैठक होगी जिसमें वह समुद्री क्षेंत्र में सहयोग और सुरक्षा के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रख सकेंगे. इसी दिन एक पूर्ण सत्र का भी आयोजन किया जायेगा. आसियान देशों में थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन सिंगापुर, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई शामिल हैं.

दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे मोदी

पीएम मोदी इस बैठक से इतर दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. वह आज सम्मेलन से पहले थाइलैंड, सिंगापुर और ब्रुनेई के नेताओं के साथ द्विपीक्षीय बातचीत करेंगे. मोदी इसके बाद शुक्रवार को इंडोनेशिया, लाओस और मलेशिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. आसियान ने 2017 में अपने 50 वर्ष पूरे किए और 2017 में आसियान के साथ भारत की साझेदारी के 25 साल भी पूरे हुए हैं.