India At 2047: उभरते, नए अंदाज में संवरते भारत के कालक्रम पर डालिए एक नजर
Looking Ahead,India@2047: एबीपी लाइव पाठकों के लिए उभरते-आगे बढ़ते भारत की कामयाबी की कहानियां लाएगा. नए फैसलों और नीतियों का विश्लेषण करेगा तो चुनौतियों और बाधाओं को समझकर समाधान के रास्ते भी तलाशेगा.
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A Dream Of 75 Years Ago India At 2047: आज से 75 साल पहले जब हम आजाद हुए देश का एक सपना (Dream) था. एक शांतिपूर्ण (Peaceful), समृद्ध (Prosperous) और प्रगतिशील (Progressive) भारत (India) बनाना. आजादी (Freedom) केवल खुली हवा में सांस लेने का हक ही नहीं लेकर आई बल्कि अपने साथ यह शक्ति (Power) और जिम्मेदारी (Responsibility) भी साथ लाई. इसके साथ ही विविधता से भरी भारत भूमि ने अपने भविष्य के इस सपने को पूरा करने के लिए अपने सफर की तरफ कदम बढ़ाने शुरू कर दिए. इस सफर में देश ने देखी और अनदेखी सभी चुनौतियों को आगे बढ़कर स्वीकार किया. कभी 34 करोड़ के युवा देश से आज विभिन्न जातियों, धर्मों, विश्वासों और संस्कृतियों के साथ 138 करोड़ लोगों का एक संपन्न लोकतांत्रिक (Thriving Democracy) देश में तब्दील हो चुका है.
दुनिया ले रही भारत से प्रेरणा
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने 14 अगस्त और 15 अगस्त, 1947 की मध्यरात्रि को एक भाषण दिया था. ये भाषण ट्रस्ट विद डेस्टिनी (Tryst With Destiny) नाम से मशहूर है. इस भाषण में उन्होंने कहा, "वह आने वाला भविष्य आराम या विश्राम का नहीं बल्कि निरंतर प्रयास करने का है." और इसमें दो राय नहीं कि हमारा वह 'निरंतर प्रयास' वैसा ही रहा जैसा हम चाहते थे. इस निरंतर प्रयासों के दौर में हम कभी-कभी गिरे, आगे बढ़े, और कभी लड़खड़ाए भी, लेकिन हमने अपने उस सपने को जीवित रखा और अपने प्रगति क्षितिज का विस्तार किया. सदियों के विदेशी शासन और लूट के बाद एक तथाकथित "गरीब" तीसरी दुनिया के देश के रूप में 75 साल पहले शुरू हुआ भारत अब सफलता की एक कहानी बनकर सामने है. कभी गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत की कहानी आज दुनिया प्रेरणा के लिए पढ़ती है. भारत में वैश्विक मंच पर दुनिया का नेतृत्व करने की काबिलियत है तो किसी भी वैश्विक खतरे से निपटने की सूझ-बूझ भी है.
ये है हिंदोस्ता की कामयाबी का किस्सा
एक कंगाल के रूप में देखे जाने वाले देश से लेकर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (Economy)बनने की आकांक्षा तक भारत ने सब सहनशीलता से किया. आजादी के बाद के बीते 75 साल (75-Year Post-Independence) के इतिहास को देश ने बड़े ही धैर्य, लचीलेपन, महत्वकांक्षा के साथ शानदार तरीके से लिख डाला है. हमने कई युद्धों, प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters), राजनीतिक अस्थिरताओं, महामारियों और आर्थिक चुनौतियां का सामना कुशलता से किया. इसके बावजूद भी हम अभी भी सभी क्षेत्रों में बड़ी प्रगति करने में सक्षम रहे. इनमें शिक्षा से स्वास्थ्य तक, कृषि से विज्ञान और प्रौद्योगिकी तक, सामाजिक कल्याण से लेकर विदेशी संबंधों तक,अर्थव्यवस्था से परोपकार तक, और मनोरंजन से लेकर खेल तक के क्षेत्र शामिल हैं. हमने आपदा में अवसर खोजने को अपना लक्ष्य बना लिया और उसे पूरा करके भी दिखाया.
अतीत की कामयाबी संग भविष्य की योजना भी जरूरी
हम आज देश के अतीत की महिमा और कामयाबी का आनंद ले रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते अब हमारे लिए वर्तमान पर नजर रखने के साथ ही भविष्य की योजनाए तैयार करना भी बेहद अहम है. भारत आज से 25 साल बाद कहां होगा, जब वह 100 साल का हो जाएगा? 2047 के भारत के लिए हमारे पास क्या विजन (Vision) है? एक ऐसा भारत जो महामारी (Pandemic) के असर से उभरकर समग्र ग्रामीण और शहरी विकास सुनिश्चित करके समृद्धि की नई ऊंचाइयों को हासिल करते हुए एक विश्वगुरु (Vishwaguru)और वैश्विक महाशक्ति बनने की इच्छा रखता है.
एबीपी लाइव पाठकों के लिए इंडिया एट 2047 (India@2047) इस उभरते, पुनरुत्थान से गुजरते, नए अंदाज में संवरते भारत के कालक्रम पर अपनी नजर रखते हुए इसकी कामयाबी से लेकर नाकामयाबी की कहानियां लेकर आएगा. इस इंडिया एट -2047(India@2047) के साथ भारत की उपलब्धियों और संभावित असफलताओं की कहानियां सामने आएंगी तो नए फैसलों और नीतियों का विश्लेषण भी होगा. एबीपी का ये इंडिया एट 2047 चुनौतियों और व्यवधानों का विश्लेषण करेगा और समाधान की भी तलाश करेगा. आइए, हमारे आपके भविष्य के इस लुभावने सफर का हिस्सा बनें, जहां हम सभी की भागीदारी है. अपने विचार और सुझाव साझा करें, हमें उन कहानियों के बारे में बताएं जिन्हें आप बताना चाहते हैं, ऐसे सवाल पूछें जिनके जवाब आपको चाहिए.
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