20 लाख करोड़: पाकिस्तान की कुल GDP के बराबर है आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज
भारत में लॉकडाउन पर सवाल उठाते आ रहे पाकिस्तान की कुल जीडीपी के बराबर है भारत का आत्मनिर्भर अभियान पैकेज. पाकिस्तान की कुल जीडीपी 284 बिलियन डॉलर की है. जबकि भारत का रिलीफ पैकेज 265 बिलियन डॉलर का है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट से जूझ रहे भारत के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के रिलीफ पैकेज का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने बताया कि ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 फीसदी है. लेकिन क्या आपको पता है कि ये पैकेज अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान की कुल जीडीपी के करीब-करीब बराबर है. जी हां. पाकिस्तान की साल 2019 में कुल जीडीपी 284 बिलियन डॉलर रही. जबकि आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज 265 बिलियन डॉलर का है.
इससे पहले पाकिस्तान की जीडीपी साल 2018 में 300 बिलियन डॉलर से ज्यादा थी. अब कोरोना संकट के दौर में पाकिस्तान के हालात देखकर कहा जा सकता है कि साल 2020 में पाकिस्तान की जीडीपी 200 बिलियन डॉलर से कम ही रहेगी. भारत की कुल जीडीपी 3000 बिलियन डॉलर के करीब है.
कुछ चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल भारत भारत अब दुनिया के उन गिने-चुने देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जिन्होंने अपने देश की अर्थव्यवस्था को उबारने के बड़े-बड़े रिलीफ पैकेज की घोषणा की है. दुनिया के सबसे ज्यादा रकम खर्च करने वाले दूसरे देशों पर नजर डालें तो जापान ने कुल जीडीपी का 21.1 फीसदी, अमेरिका ने जीडीपी का 13 फीसदी, स्वीडन ने देश की जीडीपी का 12 फीसदी और जर्मनी ने देश की जीडीपी का 10.7 फीसदी खर्च किया है.
भारत का 20 लाख करोड़ का पैकेज कोरोना संकट के दौरान अभी तक ऐलान किए गए सभी पैकेजों को जोड़कर है. सरकार ने सबसे पहले मार्च में 1.70 लाख करोड़ की मदद का ऐलान किया था. फिर अप्रैल में एक लाख करोड़ का पैकेज आया. अब मई में 17.30 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया गया है.
किन लोगों के लिए है आत्मनिर्भर अभियान पैकेज भारत सरकार ने आत्मनिर्भर अभियान पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉज सभी पर बल दिया गया है. पीएम मोदी ने कहा, "यह आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, लघु, मंझोले उद्योग, एमएसएमई के लिए हैं. जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं. यह आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, उस किसान के लिए है, जो हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन-रात परिश्रम करते हैं. यह आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देकर देश के विकास में योगदान देता है. यह पैकेज आर्थिक जगत के लिए है जो भारत के आर्थिक विकास को बुलंदी देते हैं."
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