नई दिल्ली: संसद अध्यक्षों के पांचवें विश्व सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने वहां के संसद में दिए अपने एक बयान में आतंकी ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था. भारत ने कहा कि यूएन एनालिटिकल सैक्सन मॉनिटरिंग टीम ने पाकिस्तान को प्रमुख आतंकी निर्यातक के रूप में उल्लेख किया है, जहां के छह हजार से अधिक नागरिक आतंकवाद में संलिप्त हैं.


संयुक्त राष्ट्र के सहयोग के साथ इंटर पार्लियामेंटरी यूनियन और जिनेवा और ऑस्ट्रिया की संसद ने संयुक्त रूप से 19 और 20 अगस्त को इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला संसद अध्यक्षों के 5वें विश्व सम्मेलन के लिए भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे. भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान को अलग-थलग कर देना चाहिए. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ये स्वीकार किया कि वहां की सरजमीं पर करीब 40 हजार आतंकवादी हैं.





इसके साथ ही ये भी कहा गया कि साल 1965, 1971, 1999 में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ, मुंबई और संसद पर हमला, पुलवामा औऱ उरी जैसे अटैक और मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करना आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की स्टेस स्पॉनसर पॉलिसी को दर्शाते हैं.


वहीं जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत ने बार फिर से अपना रुख स्पष्ट किया. भारत ने कहा कि ये हमारा आंतरिक मामला रहा है और आगे भी रहेगा. हम सीमा पर पाकिस्तान को आतंकवाद खत्म करने का आह्वान करते हैं. हमारे शांति वाले रुख को कमजोरी के संकेत के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.


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