Flight Bomb Threat Case: फ्लाइट में बम की सिलसिलेवार धमकियों के मामले को लेकर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार हरकत में आ चुकी है. सरकार लगातार उच्च स्तरीय बैठक कर अलग-अलग विभागों से जानकारी ले रही है. सूत्रों के मुताबिक, ऐसी ही बैठक गृह मंत्रालय ने फिर बुलाई, जिसमें गृह सचिव ने सीआईएसएफ के डीजी और बीसीएएस के डीजी से विमानों को थ्रेट कॉल्स को लेकर विस्तृत जानकारी ली.


सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में बीसीएस के डीजी और सीआईएसएफ ने अब तक की जांच का ब्योरा दिया. दरअसल, पिछले डेढ़ हफ्ते के दौरान अलग-अलग एयरलाइंस को दर्जनों थ्रेट कॉल्स मिलीं. अधिकतर धमकी भरे कॉल्स विदेशों से आए थे. सरकार की तमाम एजेंसियां लगातार आपस में कॉर्डिनेशन में काम कर रही हैं पर फिलहाल फ्लाइट्स में थ्रेट कॉल्स थमने का नाम नहीं ले रहे. इसे लेकर सरकार की तरफ से लगातार उच्च स्तरीय बैठके चल रही हैं और जानकारी जुटाई जा रही है.


"संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा हॉक्स कॉल को"


लगातार सामने आ रही थ्रेट कॉल के बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि विमानन कंपनियों को हॉक्स कॉल करने को अब संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा. पिछले कुछ समय से कई विमानन कंपनियों को विमान में बम रखे होने की इस तरह की झूठी फोन कॉल की गई है, जिसके बाद यह कदम उठाया जा रहा है.


नो-फ्लाइंग लिस्ट में डाले जाएंगे अपराधी


केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने आगे कहा, "हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हम ऐसे मामलों को रोकने के लिए दो चीजों पर काम कर सकते हैं. पहला- विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन, इन नियमों में बदलाव करके हम यह प्रावधान करेंगे कि एक बार अगर कोई ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है, तो हम उसे नो-फ्लाइंग लिस्ट में डालेंगे. इसके अलावा कानून की धाराओं के तहत भी कार्रवाई की जाएगी."


दरअसल, विमान में बम होने या उसे बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़े हैं. पिछले छह दिन की ही बात करें तो डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट में बम की करीब 70 फर्जी कॉल आ चुकी हैं. शनिवार को ही 30 से अधिक विमानों में बम होने की धमकी मिली थी.


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