मेघालय में चल रहा भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास, 1971 से है ये मजबूत 'बांडिंग'
भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच वार्षिक युद्धाभ्यास 'संप्रति' मेघालय में हो रहा है.
भारत और बांग्लादेश की सेनाओं की 'बांडिंग' 1971 के युद्ध के दौरान से है जब बांग्लादेश आजाद हुआ था. 'संप्रति' जैसी एक्सरसाइज से ये संबंध और मजबूत होते हैं. ये कहना है बांग्लादेशी सेना के मेजर जनरल शफीउल आलम का, जो इन दिनों भारत के दौरे पर हैं. भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के साझा युद्धभ्यास 'संप्रति' की 'वेलिडिशन' के लिए खासतौर से मेघलाय की राजधानी शिलांग के करीब उमरोई में भारतीय सेना के ज्वाइंट ट्रेनिग नोड (सेंटर) पहुंचे मेजर जनरल शफीउल आलम ने मीडिया से बातचीत करते हुए साफतौर से कहा कि दोनों देशों की सेनाओं के 'ऐतिहासिक-संबंध' हैं जो 1971 के युद्ध के समय से चले आ रहे हैं और आगे भी कायम रहेंगे. इस दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ कमांडर्स भी मौजूद थे.
3 फरवरी से जारी है युद्धाभ्यास
उमरोई में 3 फरवरी से भारत और बांग्लादेश की सेनाएं 'संप्रति' एक्सरसाइज कर रही हैं. इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित करना है. शनिवार को एक्सरसाइज का 'वेलिडशन पार्ट' था, यानी पिछले दो हफ्तों मे दोनों सैनिकों ने जितना अभ्यास किया है उसे सैन्य कमांडर्स की मौजूदगी में प्रदर्शित करना था. दोनों देशों के बीच ये नौवीं एक्सरसाइज है जो एक साल भारत में होती है और एक साल बांग्लादेश में. दोनों पड़ोसी देशों के बीच में रक्षा क्षेत्र में सहयोग में ये एक अहम एक्सरसाइज है.
1971 की जंग में भारतीय सेना नें पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश को एक राष्ट्र के तौर पर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. संप्रति एक्सरसाइज में भारत और बांग्लादेश सेना के 170-170 अधिकारी और जवान हिस्सा ले रहे हैं. बांग्लादेश की इंफेंट्री के सैनिक यहां पहुंचे हैं तो भारतीय सेना की बिहार रेजीमेंट के सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. युद्धाभ्यास के दौरान पहाड़ों और जंगलों में काउंटर-टेरेरिज्म ऑपरेशन्स की तैयारी करना है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल बिठाया जा सके इसके लिए कमांड पोस्ट एक्सरसाइज और फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज दोनों ही की गई.
जंगल रेंज फायरिंग भी हुई
अभ्यास के दौरान टेक्टिकल फायरिंग से लेकर जंगल रेंज फायरिंग और रूम इंटरवेंशन और कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन का जबरदस्त अभ्यास किया गया. ये एक्सरसाइज यूएन यानी संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुरूप हुई है. वेलिडेशन एक्सरसाइज के दौरान उमरोई में एक काल्पनिक-गांव बनाया गया जिसपर आतंकियों ने हमला कर दिया और दोनों देशों के सैनिकों ने एक साथ मिलकर आतंकियों को 'न्यूट्राएलाइज' किया और बंधक गांववालों को छुड़ाया गया. इस दौरान पॉवर-पैक एंटी-टेरेरिज्म ड्रिल देखने को मिली जिसमें हेलीकॉप्टर ऑपरेशन्स और एंटी-लैंडमाइंस, आईईडी ड्रिल भी देखने को मिली.
इस मौकै पर बोलते हुए भारतीय सेना के मेजर जनरल संदीप बजाज ने कहा कि 'संप्रति' एक्सरसाइज के दौरान दोनों देशों के सैनिक ने एक बेहतर तालमेल के साथ सभी ड्रिल्स को पूरा किया है और जरूरत पड़ने पर यूएन चार्टर के तहत 'ग्लोबल-टेरेरिज्म' के खिलाफ एक साथ लड़ सकती हैं. भारतीय दल के कमांडिंग ऑफिसर, कर्नल गौरव ठाकुर ने कहा कि दोनों देशों के सैनिकों ने इस युद्धभ्यास के दौरान एक दूसरे की 'बेस्ट प्रैक्टिस' को अपनाने की कोशिश की.
रविवार को खत्म होगा एक्सरसाइज
ये एक्सरसाइज ऐसे समय में हुई जब एनआरसी और सीएए भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तल्खी भी देखने को मिली. लेकिन इस सबके बीच बांग्लादेश सेना उमरोई में पहुंची. इस एक्सरसाइज का मकसद दोनों देशों की सेनाओं का एक साथ जंगल और सेमी जंगल-वॉरफेयर में अभ्यास करना था. एबीपी न्यूज की टीम भी इस दौरान वहां मौजूद रही ये बताने के लिए कि 'संप्रति' एक्सरसाइज से दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध एक बार फिर से मजबूत हो सकते हैं. 'संप्रति' एक्सरसाइज का समापन समारोह रविवार को है जब मिलिट्री बैंड की धुन के साथ दोनों देशों के सैनिक कदम ताल करते दिखेंगे और सैन्य कमांडर्स को गार्ड ऑफ ऑनर देंगे.
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