त्रिपुरा पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 14 बांग्लादेशियों को किया गिरफ्तार
India-Bangladesh: बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से बिना बाड़ वाली और खुली भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करते हैं.
Bangladesh Illegal People Caught By Tripura Police: त्रिपुरा पुलिस ने रविवार (12 नवंबर) को 14 लोगों को गिरफ्तार किया. त्रिपुरा पुलिस अधिकारियों ने कहा कि ये सभी बांग्लादेशी हैं जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहे थे. चार दिन पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मानव तस्करी और घुसपैठ के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के तहत कम से कम 25 लोगों को असम और त्रिपुरा में गिरफ्तार किया था.
एक वरिष्ठ त्रिपुरा पुलिस अधिकारी ने कहा कि चार महिलाओं और चार बच्चों सहित 14 बांग्लादेशी नागरिकों को दक्षिणी त्रिपुरा के सीमावर्ती सबरूम में एक घर से गिरफ्तार किया गया. बांग्लादेश नागरिकों ने शनिवार को अवैध रूप से दक्षिणी त्रिपुरा में प्रवेश किया और सबरूम उपखंड के वैष्णव पुर गांव में एक भारतीय नागरिक के घर पर रुके हुए थे.
नौकरी की तलाश में बेंगलुरु जाने की कोशिश
बांग्लादेशियों ने पुलिस को बताया कि वे नौकरी की तलाश में बेंगलुरु जाने की कोशिश कर रहे हैं. इस पर पुलिस ने कहा कि हम पकड़े गए बांग्लादेशियों के दावों की जांच कर रहे हैं. इस क्रम में पुलिस ने उस घर के मालिक सहित दो भारतीयों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जहां वे शनिवार की रात रुके थे. उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ मिलकर पुलिस विदेशी नागरिकों के अवैध प्रवेश की जांच कर रही है, जिन्हें जल्द ही स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा.
NIA ने असम पुलिस के साथ पकड़े घुसपैठ
इससे पहले NIA ने असम पुलिस के साथ मिलकर 8 नवंबर को मानव तस्करी और घुसपैठ में कथित संलिप्तता के लिए 25 लोगों - त्रिपुरा में 21 और असम में 5 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार व्यक्तियों को पूछताछ और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए राज्य से बाहर ले जाया गया है. NIA ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर 8 नवंबर को त्रिपुरा, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तेलंगाना और हरियाणा में छापेमारी की थी. इन आठ राज्यों से NIA ने कुल 44 गुर्गों को पकड़ा और गिरफ्तार किया है.
बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या गिरफ्तार
वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि इस साल और पिछले साल के दौरान त्रिपुरा और असम से बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया गया और घुसपैठियों से पूछताछ के दौरान यह पता चला कि अवैध प्रवासियों को गुप्त मार्गों से भारत में प्रवेश करने में मदद की गई. भारतीय दलाल और बिचौलिए मानव तस्करी में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं. जांच के दौरान यह भी पता चला कि दलाल न केवल भारत-बांग्लादेश सीमा के दोनों ओर बल्कि देश की मुख्य भूमि पर भी मौजूद हैं.
आपको बता दें कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या अवैध रूप से बिना बाड़ वाली और खुली भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करते हैं, जो चार पूर्वोत्तर - त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), मिजोरम (318 किमी) और असम (263 किमी) के साथ 1,880 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करती है.
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