(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
India Bangladesh Relation: कोलकाता और ढाका में आधी रह जाएगी दूरी, बन कर तैयार हुआ 'पद्मा ब्रिज'
India Bangladesh Relations: दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के प्रेस मंत्री शाबान महमूद ने पत्रकारों से बताया कि पद्मा पुल के निर्माण पर 30,193.39 करोड़ टका (3.6 बिलियन डॉलर) की लागत आई है.
India Bangladesh Relations: बांग्लादेश (Bangladesh) के सबसे बड़े पुल 'पद्मा पुल' (Padma Bridge) का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और इसी माह 25 जून को प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) इसका उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगी. पद्मा नदी पर बने इस द्विस्तरीय पुल के अभी ऊपरी तल को सड़क परिवहन (Road Transport) के लिए खोला जाएगा और निचले तल पर निर्माणाधीन रेलवे लाइन के शुरू होने पर ढाका (Dhaka) (बांग्लादेश) से कोलकाता (Kolkata) (भारत) की दूरी लगभग आधी रह जाएगी. ढाका-कोलकाता (Dhaka-Kolkata) के बीच अभी संचालित हो रही ‘मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन’ द्वारा इस पुल के प्रयोग से यात्रा का समय भी दो तिहाई कम हो जाएगा जिससे सैकड़ों रेल यात्रियों को फायदा होगा.
नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के प्रेस मंत्री शाबान महमूद ने यहां पहुंचे भारतीय पत्रकारों के एक दल को पुल के दौरे के दौरान बताया कि पद्मा पुल के निर्माण पर 30,193.39 करोड़ टका (3.6 बिलियन डॉलर) की लागत आई है और इस संपूर्ण राशि का वित्त पोषण बांग्लादेश सरकार द्वारा किया गया है. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद विश्व बैंक इस परियोजना के लिए कर्ज संबंधी करार से पीछे हट गया था. इसके बाद शेख हसीना सरकार ने इस परियोजना को स्वयं वित्त पोषित करने का फैसला किया.
किस कंपनी ने किया है इस पुल का निर्माण?
देश की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पद्मा पुल का निर्माण चीनी कंपनी, चाइना रेलवे मेजर ब्रिज इंजीनियरिंग ग्रुप कंपनी लिमिटेड (एमबीईसी) द्वारा किया गया है . अन्य परियोजनाओं में चीन की कंपनियों के शामिल होने व वित्तीय मदद के बावजूद शेख हसीना सरकार पूरी सतर्कता बरत रही है. बांग्लादेश के सूचना मंत्री डॉक्टर हसन महमूद ने शनिवार को ढाका में भारतीय पत्रकारों के दल से बातचीत के दौरान सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को खारिज किया था.
महमूद ने कहा कि पद्मा पुल निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी की गई थी और अंतरराष्ट्रीय निविदा में चीनी कंपनी को कुछ काम मिला. बोली में उन्होंने सबसे कम दामों में पुल बना देने का वादा किया था. अन्य परियोजनाओं में भी ऐसा ही किया गया है. इसी तरह से भारत में चीनी कंपनियां कई प्रोजेक्ट तैयार कर रही हैं, वैसा ही यहां पर भी है. हम चीन से कर्ज नहीं ले रहे हैं एक-दो प्रोजेक्ट में ऐसा है, कर्ज को लेकर हम बेहद सतर्क हैं.
पद्मा नदी में रेलवे पुल की क्या स्थिति है?
ढाका में भारतीय अधिकारियों ने भी बताया कि बांग्लादेश अपने यहां चीनी कंपनियों को परियोजनाएं सौंपने को लेकर भारत की सुरक्षा चिंताओं का पूरी तरह ध्यान रख रहा है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 4 जुलाई 2001 को मुंशीगंज जिले के मावा में पद्मा पुल का शिलान्यास किया था. इस पुल के शुरू होने के साथ बांग्लादेश का वह सपना साकार होगा जो उसने लगभग दो दशक पहले देखा था.
बांग्लादेश ब्रिज प्राधिकरण के अनुसार, दो स्तरीय मुख्य पद्मा पुल 6.15 किलोमीटर लंबा है और इसके ऊपरी तल पर चार लेन की सड़क है जबकि निचले तल पर रेलवे लाइन है. इसके अनुसार यह पुल लौहागंज, मुंशीगंज को शरीयत पुर व मदारीपुर से जोड़ेगा. 25 जून से सड़क मार्ग के शुरू होने के साथ ही पद्मा पुल के जरिये देश का दक्षिण-पश्चिम भाग उत्तर और पूर्वी क्षेत्र से जुड़ जाएगा. फिलहाल सड़क मार्ग से वाहनों का संचालन शुरू होगा, क्योंकि पद्मा नदी पर रेलवे पुल अभी तैयार नहीं हुआ है.
कब तक बन जाएगा रेलवे पुल?
बांग्लादेश रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, पद्मा नदी पर रेलवे पुल मार्च, 2024 तक चालू होने की उम्मीद है. इसके बाद ‘मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन’ से ढाका (बांग्लादेश) से कोलकाता (भारत) के लिए यात्रा का समय दो तिहाई कम हो जाएगा. अभी मैत्री एक्सप्रेस 400 किलोमीटर का सफर तय कर 10 घंटे में कोलकाता से नादिया, गेदे होते हुए ढाका छावनी स्टेशन पहुंचती है.
अधिकारियों के अनुसार, पद्मा पुल का निर्माण पूरा होने के बाद, ट्रेन कोलकाता स्टेशन से बनगांव जंक्शन, हरिदासपुर बॉर्डर, बेनापोल, जेसोर, नारेल और फरीदपुर होते हुए ढाका पहुंच सकेगी. इस मार्ग की दूरी करीब 251 किलोमीटर होगी जिसे तय करने में मैत्री एक्सप्रेस को साढ़े तीन घंटे से ज्यादा नहीं लगेंगे.
क्यों बंद थी भारत- बांग्लादेश के बीच रेलवे सेवाएं?
कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण लगभग दो साल तक भारत-बांग्लादेश (India Bangladesh) के बीच बंद रही रेल सेवाओं (Railway Services) के संचालन को मई, 2022 में फिर शुरू किया गया है. मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन सप्ताह में पांच दिन संचालित की जाती है और इसकी यात्री क्षमता 450 है. बांग्लादेश को पद्मा पुल के शुरू होने से बांग्लादेश को दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में भारी इजाफे की उम्मीद है. आधिकारिक अनुमान के अनुसार देश की जीडीपी (GDP) में इससे 1.2 फीसदी की वृद्धि होगी.
Breaking News Live: राहुल गांधी से ED की पूछताछ जारी, पहले राउंड में 4 घंटे तक हुए सवाल-जवाब