India-Bangladesh Relation: 5 दशकों में कैसे बदले भारत-बांग्लादेश के रिश्ते, संबंधों की हैं ये बड़ी उपलब्धियां
India-Bangladesh Ties: पिछले साल बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ, द्विपक्षीय संबंधों के 50 साल और मुजीब बर्शो - शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती को चिह्नित किया गया था.
India-Bangladesh Ties: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Shiekh Hasina) सोमवार को भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आयेंगी. इस दौरान भारत (India) और बांग्लादेश (Bangladesh) रक्षा, व्यापार और नदी जल बंटवारे के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों की घोषणा हो सकती है.
शेख हसीना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के बीच मंगलवार (6 सितंबर) को होने वाली वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच कुशियारा नदी के जल के अंतरिम बंटवारे समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. दरअसल, भारत की पड़ोसी पहले नीति के तहत बांग्लादेश एक महत्वपूर्ण भागीदार है. पीएम मोदी और शेख हसीना के नेतृत्व में भारत-बांग्लादेश ने भूमि और समुद्री सीमा सीमांकन, सुरक्षा, संपर्क, विकास सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, बिजली, व्यापार, अर्थव्यवस्था, रक्षा समेत कई क्षेत्रों में ठोस परिणाम प्राप्त किए हैं.
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की 12 बार हो चुकी हैं मुलाकात
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 26-27 मार्च 2021 को बांग्लादेश की राजकीय यात्रा की थी. एक यात्रा जो भारत और बांग्लादेश के बीच आधी सदी की साझेदारी का प्रतीक है, जो द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मॉडल के रूप में मजबूत तौर पर पूरे क्षेत्र में विकसित हुई है. यात्रा के दौरान 6 दिसंबर को मैत्री दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था, जिस दिन भारत ने साल 1971 में बांग्लादेश को मान्यता दी थी. मैत्री दिवस समारोह दिल्ली और ढाका समेत दुनिया भर की 20 राजधानियों में आयोजित किए गए थे. बता दें कि साल 2015 से अब तक दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की 12 बार मुलाकात हो चुकी है.
बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार
बांग्लादेश अब दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है. पिछले पांच सालों में द्विपक्षीय व्यापार 9 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 18 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है. वित्त वर्ष 2020-21 में 9.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2021-22 में 16.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि के साथ बांग्लादेश भारत के लिए चौथा सबसे बड़ा निर्यात बन गया है. भारत की अच्छी तरह से जुड़ी हुई रेल प्रणाली का उपयोग बांग्लादेश को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया था जब COVID के दौरान भूमि मार्ग के माध्यम से व्यापार बाधित हो गया था.
कोविड के दौरान ऑक्सीजन एक्सप्रेस से भारत ने की मदद
पहली बार भारतीय रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने रेलवे कंटेनरों में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन को बांग्लादेश पहुंचाया. कुल मिलाकर रेलवे ने बांग्लादेश को COVID के खिलाफ लड़ाई के समर्थन में 20 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया था. महामारी के बावजूद दोनों देश महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी पहल पर प्रगति हासिल करने में सक्षम थे. कनेक्टिविटी क्षेत्र में हाल ही में कई उपलब्धियां हासिल हुई हैं जैसे त्रिपुरा में फेनी नदी पर मैत्री सेतु पुल का उद्घाटन और चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक का उद्घाटन हो चुका है. इसके साथ साल 1965 से पहले के छह में से पांच सीमा पार रेल लिंक चालू कर दिए गए हैं.
मुक्तिजोधा संतान छात्रवृत्ति के तहत भारत में मरीजों का इलाज
भारत-बांग्लादेश मैत्री मुक्तिजोधा (Muktijoddhas) संतान छात्रवृत्ति के तहत, 9000 से अधिक बांग्लादेश छात्रों ने 2017 से भारत में शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति का लाभ उठाया है. उच्चतर माध्यमिक और स्नातक छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है जो मुक्तिजोध (1971 मुक्ति युद्ध के दिग्गजों) के वंशज हैं. इसके अलावा भारत बांग्लादेश के नागरिकों के लिए चिकित्सा इलाज का केंद्र रहा है. साल 2021 में जारी किए गए 2.8 लाख वीजा में से 2.3 लाख मेडिकल वीजा थे. मुक्तिजोधा चिकित्सा योजना के तहत साल 2018 से अब तक 147 मरीजों का इलाज किया गया है. इस योजना के तहत, मुक्तिजोधा (Muktijoddhas) (1971 मुक्ति युद्ध के दिग्गजों) का भारतीय सैन्य अस्पतालों में मुफ्त इलाज किया जाता है.
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