नई दिल्ली: सरकार ने मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर पाबंदी और सख्त कर दी है. इसके अलावा विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की इकाइयों को भी रोक के दायरे में शामिल कर दिया गया है. सरकार देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण परिस्थिति बिगड़ने की आशंकाओं को देखते हुए ये रोक लगा रही है, ताकि देश में जरूरी दवाओं की कमी नहीं हो.


विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, ''हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और इससे बनने वाली अन्य दवाओं का निर्यात अब सेज से भी नहीं हो सकेगा, भले ही इसके लिये पहले मंजूरी दी जा चुकी हो अथवा भुगतान किया जा चुका हो. निर्यात पर बिना किसी छूट के पाबंदी रहेगी.''


उल्लेखनीय है कि सीमा शुल्क नियमों के मामले में सेज को विदेशी निकाय माना जाता है. इस कारण निर्यात पर रोक के आदेश आम तौर पर सेज पर लागू नहीं होते हैं. सरकार ने घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर 25 मार्च को रोक लगाने की घोषणा की थी.


ट्रंप ने पीएम मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर को भेजने का आग्रह किया


बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने का आग्रह किया है. अमेरिका ने भारत को इस दवा का आर्डर दिया था. भारत ने पिछले महीने इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने शनिवार सुबह मोदी से बात कर अमेरिका के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के आर्डर की आपूर्ति करने का आग्रह किया. अमेरिका के राष्ट्रपति ने शनिवार को व्हाइट हाउस में कहा, ''मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात कही. वे बड़ी मात्रा में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बनाते हैं. भारत इसपर गंभीरता से विचार कर रहा है.''


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