India bans exports of Wheat: केंद्र की मोदी सरकार ने गेहूं के निर्यात पर सशर्त प्रतिबंध लगा दिया है. घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमत के मद्देनजर सरकार ने ये फैसला लिया है. हालांकि गेहूं का निर्यात कुछ शर्तों के साथ जारी रहेगा. सरकार का ये फैसला पहले से अनुबंधित निर्यात पर लागू नहीं होगा. सरकार की ओर से इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. अधिसूचना में कहा गया है कि भारत, पड़ोसी देशों और अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में है. 


सरकार ने कहा कि यह कदम "देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने" के लिए किया गया. नोटिफिकेशन में आगे कहा गया कि भारत सरकार पड़ोसी और अन्य कमजोर विकासशील देशों की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो गेहूं के वैश्विक बाजार में अचानक बदलाव से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति तक पहुंचने में असमर्थ हैं.


सरकार ने कहा कि कई गेहूं की वैश्विक कीमतों में अचानक वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप भारत, पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में है. रूस और यूक्रेन की बीच जारी जंग की वजह से गेहूं  की अंतरराष्ट्रीय कीमत में करीब 40 फीसदी तेजी आई है. इससे भारत से इसका निर्यात बढ़ गया है. मांग बढ़ने से स्थानीय स्तर पर गेहूं और आटे की कीमत में भारी तेजी आई है.  


गेहूं की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,015 रुपये प्रति क्विंटल है. देश में गेहूं और आटे की खुदरा महंगाई अप्रैल में बढ़कर 9.59% पहुंच गई जो मार्च में 7.77% थी. इस साल गेहूं की सरकारी खरीद में करीब 55% गिरावट आई है क्योंकि खुले बाजार में गेहूं की कीमत एमएसपी से कहीं ज्यादा मिल रही है. 


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