कोविड संकट में दुनिया की मदद का दवाखाना बना भारत
भारत कई देशों के दवाएं और जरूरी चिकित्सा सहायता मुहैया करा रहा है. इस सिलसिलें में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पैरासिटामॉल जैसे दवाएं जहां कई मुल्कों को सहायता के तौर पर दी गई हैं.
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से कराहती दुनिया के लिए भारत मदद का दवाखाना बनकर उभरा है. बीते एक महीने के दौरान भारत हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पैरासिटामॉल की 47 लाख गोलियां कई दो दर्जन से अधिक मुल्कों को मुहैया करा चुका है. संकट की इस सहायता में भारत ने हाड्रोक्सी क्लोरोक्वीन की 28 लाख गोलियां 25 देशों को सहायता के तौर पर दी हैं.
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक कोविड19 संकट के दौरान भारत दुनिया के दवाखाने की तरह उभरा है. भारत कई देशों के दवाएं और जरूरी चिकित्सा सहायता मुहैया करा रहा है. इस सिलसिलें में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पैरासिटामॉल जैसे दवाएं जहां कई मुल्कों को सहायता के तौर पर दी गई हैं. वहीं 87 देशों को यह जरूरी दवाएं कमर्शियल ऑर्डर के तहत सप्लाई की गई हैं.
भारत ने मालदीव और कुवैत जैसे देशों में अपनी चिकित्सा रैपिड रिस्पॉन्स टीमें भी भेजी थी. इसके अलावा पड़ोसी सार्क देशों को भी भारत कोविड संकट से निपटने में क्षमता विस्तार के लिए मदद दे रहा है. इस कड़ी में बीते दिनों जहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर की अगुवाई में सार्क देशों के डॉक्टरों का एक प्रशिक्षण कोर्स 17-21 अप्रैल के बीच आयोजित किया गया. वहीं 4-8 मई के बीच एम्स चंडीगढ़ की आगुवाई में भारत सार्क देशों के लिए कोविड प्रबंधन पर एक विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित करेगा.
भारत ने बीते दिनों भूटान, बांग्लादेश और नेपाल को विशेष चिकित्सा सहायता का खेप पहुंचाई थी. साथ ही दक्षिण एशियाई पड़ोसी मुल्कों के साथ मिलकर एक आपातकोष भी बनाया है जिसमें पहले योगदान के तौर पर भारत ने 10 लाख डॉलर का अंशदान दिया गया है.