एक्सप्लोरर

कैलाश पर्वत श्रृंखला को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के लिए भारत के 'ब्रह्मास्त्र' ने निभाई थी अहम भूमिका

चीन को पटकनी देने के लिए भारत ने अपना 'ब्रह्मास्त्र' इस्तेमाल किया था. इसके चलते 29-30 अगस्त की रात कैलाश पर्वत श्रृंखला के एक बड़े हिस्से पर भारत ने एक बार फिर अपना अधिकार जमाया.

दिल्ली: एलएसी पर चीन को पटकनी देने के लिए भारत को अपना 'ब्रह्मास्त्र' इस्तेमाल करना पड़ा था. इस ब्रह्मास्त्र के चलते ही 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में कैलाश पर्वत श्रृंखला के एक बड़े हिस्से पर भारत एक बार फिर अपना अधिकार जमा सका. ये इलाका '62 के युद्ध में हार के बाद भारत चीन के हाथों गंवा चुक था. लेकिन भारत के ब्रह्मस्त्र ने चीन के खिलाफ ऐसी चाल चली की चीनी सेना को 45 साल बाद एलएसी पर फायरिंग करनी पड़ी. ये 'ब्रह्मास्त्र' है भारत की माउंटेन स्ट्राइक कोर.

एबीपी न्यूज को जो एक्सक्लुजिव जानकारी मिली है जिसके मुताबिक, 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग-त्सो लेक के दक्षिण में जो 'प्रिम्टीव' कारवाई कर गुरंग हिल, मगर हिल, मुखपरी और रेचिन-ला दर्रे को अपने अधिकार-क्षेत्र में कर लिया था. उसमें भारत सेना की माउंटेन स्ट्राइक कोर की एक अहम भूमिका थी. ये पूरा इलाका कैलाश श्रृंखला का हिस्सा है.

पश्चिम बंगाल के पानागढ़ स्थित इस‌ 17वीं कोर को पहाड़ों पर युद्ध लड़ने में महारत हासिल है. माउंटेन स्ट्राइक कोर में इंफेंट्री सैनिकों के साथ साथ उस रात चुशुल सेक्टर में बीएमपी व्हीकल (आईसीवी यानि इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल) और टैंकों की एक ब्रिगेड के साथ साथ एसएफएफ (स्पेशल फ्रंटियर फोर्स) के कमांडो भी थे.

कैलाश पर्वत श्रृंखला को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के लिए भारत के 'ब्रह्मास्त्र' ने निभाई थी अहम भूमिका

जानकारी के मुताबिक, माउंटेंन स्ट्राइक कोर के सभी 'मिलिट्री-एलीमेंट्स' ने एक साथ पैंगोंग-त्सो के दक्षिण में करीब 60-70 किलोमीटर के दायरे में अपनी सैन्य कारवाई की. सभी को एक ही टास्क दिया गया था कि चीनी सेना से पहले इस पूरे उंची पहाड़ों वाले इलाकों को 'डोमिनेट' करना है. क्योंकि खुफिया जानकारी मिल रही थी कि चीनी सेना इस पूरे इलाके पर कब्जा करना चाहती है.

माउंटेन स्ट्राइक कोर ने एक साथ सभी पहाड़ों पर चढ़ाई कर शुरू कर दी. कुछ ही घंटों में पैंगोंग त्सो से सटे हुए हैनान-कोस्ट से लेकर रेचिन ला दर्रे तक भारत ने अपना अधिकार जमा लिया. रेजांगला और रेचिन ला दर्रे पर तो भारतीय सेना ने अपनी टैंक ब्रिगेड को तैनात कर दिया. लेकिन ब्लैक टॉप पर चढ़ते वक्त एक लैंडमाइन ब्लास्ट में एसएफएफ के एक कमांडो (तिब्बती मूल के नियेमा तेनजिन) वीरगति को प्राप्त हो गए और एक अन्य कमांडो घायल हो गए.

इस ब्लास्ट के चलते भारतीय सैनिक ब्लैक टॉप की चोटी तक नहीं पहुंच पाए. सेना के सूत्रों ने ये भी साफ किया कि ब्लैक टॉप और हैलमेट टॉप पर भारत का पूरी तरह अधिकार नहीं है. ‌ओपन-सोर्स इंटेलीजेंस ने जो ताजा सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं उ‌सके मुताबिक, चीन की पीएलए सेना ब्लैक टॉप के चारों तरफ अपने कैंप जमा रही है.

आपको यहां पर ये बता दें कि माउंटेन स्ट्राइक का गठन वर्ष 2013 में डीबीओ (डेपसांग प्लेन) में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुए फेसऑफ के बाद हुआ था. जहां एक साधारण कोर (जैसे लेह स्थित 14वीं कोर) की जिम्मेदारी अपनी सीमाओं की सुरक्षा या रखवाली करना होता है, स्ट्राइक कोर का चार्टर दुश्मन की सीमा में घुसकर हमला करना होता है.

कैलाश पर्वत श्रृंखला को अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के लिए भारत के 'ब्रह्मास्त्र' ने निभाई थी अहम भूमिका

माउंटेन स्ट्राइक कोर ने पिछले साल अक्टूबर के महीने में असम और अरूणाचल प्रदेश में अपनी एक्सरसाइज की थी जिसका चीन ने आधिकारिक तौर से विरोध किया था. आपके बता दें कि भारत से पवित्र कैलाश मान‌सरोवर यात्रा के लिए सबसे छोटा‌ और सुगम रास्ता लद्दाख से ही है. '62 के युद्ध से पहले तीर्थयात्री लद्दाख के डेमचोक से ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए जाया करते थे.

चुशुल से डेमचोक की दूरी करीब 150 किलोमीटर है. उसके आगे डेमचोक से कैलाश मानसरोवर की दूरी करीब 350 किलोमीटर है. पैंगोंग त्सो के दक्षिण से लेकर कैलाश मानसरोवर तक यानी करीब 450 किलोमीटर तक ये कैलाश पर्वत श्रृंखला फैली हुई है. लेकिन '62 के युद्ध के बाद से ही ये रूट बंद कर दिया गया था.

29-30 अगस्त की रात भारत की कारवाई से चीनी सेना में हड़कंप मच गया है. चीनी सेना किसी भी कीमत पर इन कैलाश रेंज की पहाड़ियों को हड़पना चाहती है. इसीलिए बड़ी तादाद में चीनी सैनिक भारत की फॉरवर्ड पोजिशन के चारों के चारों तरफ इकठ्ठा हो रहे हैं. चीनी सेना अपने टैंक और आईसीवी व्हीकल्स के साथ एलएसी से सटे मोल्डो, स्पैंगूर गैप और रैकिन ग्रेजिंक लैंड पर अपना जमावड़ा कर रही है. चीनी सैनिक बरछी-भालो और दूसरे मध्यकालीन बर्बर हथियारों के साथ  वहां इकठ्ठा हो गई है.

लेकिन भारतीय सैनिकों ने साफ कर दिया है कि अगर चीनी सैनिकों ने भारत की फॉरवर्ड पोजिशन पर लगी कटीली तारों को पार करने की कोशिश की तो एक प्रोफेशनल-आर्मी की तरह चीनी सेना को कड़ा जवाब दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें.

चीन कर रहा भारत की जासूसी, मोदी, सोनिया, मनमोहन, 24 CMs, 350 MPs सहित 1350 लोगों की जुटाई जानकारी

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पूरा सदन देश के वीर जवानों के साथ खड़ा है

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
IIFA 2024: आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद, बोलीं- 'वो मेरी बेटी है हमेशा...'
आईफा में आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Mumbai पर आतंकी हमले का Alert, शहर में बढ़ाई गई सुरक्षा | Breaking NewsTamil Nadu के सत्तूर इलाके में पटाखा फैक्ट्री में लगी आग, मौके पर फायर ब्रिगेड मौजूद | BreakingGujarat के गिर में अतिक्रमण हटाने के लिए मेगा ऑपरेशन, 1400 पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद | Breaking NewsUjjain Rains: बारिश से बाढ़ जैसे हालात, शहर जलमग्न, सड़कें डूबी | ABP News |

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
क्या मिट जाएगा फिलिस्तीन का नामो-निशान? UNGA में नेतन्याहू ने दिखाए जो मैप, उनमें दिखा ही नहीं
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, इन जीचों पर लगाई गई रोक
IIFA 2024: आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद, बोलीं- 'वो मेरी बेटी है हमेशा...'
आईफा में आराध्या को लेकर पूछा गया था सवाल, ऐश्वर्या राय ने अपने जवाब से रिपोर्टर की कर दी बोलती बंद
बड़े बजट की पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
पहली फिल्म बंद हुई तो इस एक्टर को लगा था तगड़ा झटका, मुंडवा लिया था सिर
IND vs BAN 2nd Test: होटल लौट गईं भारत-बांग्लादेश की टीमें, बारिश की वजह से दूसरे दिन नहीं शुरू हो सका खेल
होटल लौटी टीम इंडिया, बारिश की वजह से दूसरे दिन नहीं शुरू हो सका खेल
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
'पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री, PM शहबाज का भाषण सिर्फ एक मजाक', UNGA में भारत ने सुना दी खरी-खरी
गलती से दो बार कट गया है टोल टैक्स तो कैसे मिलता है रिफंड? ये हैं नियम
गलती से दो बार कट गया है टोल टैक्स तो कैसे मिलता है रिफंड? ये हैं नियम
World Heart Day 2024: 30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
30 साल की उम्र में दिल की बीमारियों का खतरा कितना, इसकी वजह क्या?
Embed widget