नई दिल्ली: अपनी धारदार अंग्रेजी और नए नए शब्दों के लिए जाने जाने वाले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आज देश को 'हिंदू पाकिस्तान' शब्द दिया. शशि थरूर के मुंह से यह शब्द निकलते ही वो बीजेपी के निशाने पर आए. बीजेपी ने कहा शशि थरूर के बहाने सीदे राहुल गांधी को निशाने पर लियीा और माफी की मांग की. बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस हिंदुओं का अपमान कर रहे हैं. वहीं थरूर के बयान पर कांग्रेस की राय बंटी हुई है.


थरूर ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला करते हुए शशि थरूर ने कहा, ''अगर बीजेपी 2019 में जीतने में कामयाब हुई और लोकसभा में इतना बहुमत हासिल किया. हमारा लोकतांत्रिक ढांचा बरकरार नहीं रहेगा क्योंकि उनके पास संविधान बदलने के लिए तीन चीजें होंगी.. संविधान को खत्म करके नया लिखेंगे. नया संविधान हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पर होगा जहां अल्पसंख्यकों के लिए अधिकार नहीं होंगे.. ऐसा करके वो भारत को हिंदू पाकिस्तान बना देंगे.''


भारत और पाकिस्तान को लेकर क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में 1947 में 9.8 फीसदी मुस्लिम बचे थे जो आज 13.4 फीसदी हो चुके हैं. 2050 तक इंडोनेशिया को पछाड़कर हिंदुस्तान सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला राष्ट्र बन जाएगा. भारत में तीन-तीन बार मुस्लिम राष्ट्रपति बन चुके हैं जबकि पाकिस्तान में एक भी हिंदू राष्ट्रपति नहीं बना. भारत में सिविल सेवा में 3 फीसदी मुस्लिम हैं.. पिछले साल परीक्षा में 4.5 फीसदी मुस्लिम पास हुए जबकि पाकिस्तान में सिर्फ 0.21 फीसदी हिंदू सिविल सेवा में हैं.


हिंदुस्तान की 543 में से 218 सीटों पर मुस्लिम हार-जीत तय करते हैं जबकि पाकिस्तान में सिर्फ दो सीटों पर हिंदू हार-जीत तय करते हैं. पाकिस्तान वो मुल्क है जहां से हर साल 5 हजार हिंदू भागकर हिंदुस्तान आते हैं. पाकिस्तान में हर साल 100 गैर-मुस्लिम लड़कियों को अगवा करके धर्म परिवर्तन कराकर मुस्लिम से शादी करा दी जाती है. 2014 सर्वे के मुताबिक पूरे पाकिस्तान में हिंदुओं के 428 मंदिर हैं जिनमें सिर्फ 20 में पूजा होती है. पाकिस्तान के 57 फीसदी लोग मानते हैं कि धर्म के नाम पर हिंसा राष्ट्र की बड़ी समस्या है.


क्या ये संभव है कि भारत हिंदू पाकिस्तान बन जाएगा ?
भारत एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र है जहां राज्य का कोई धर्म नहीं है पर सभी धर्म के लोगों को समान अधिकार दिए गए हैं. संविधान का अनुच्छेद 14 समानता का अधिकार देता है. अनुच्छेद 15 के मुताबिक धर्म, रंग, जाति, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव की जगह नहीं है. अनुच्छेद 16 रोजगार में सभी को समान अवसर की गारंटी देता है. अनुच्छेद 29 में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा है. संविधान की प्रस्तावना में ही धर्म और उपासना की स्वतंत्रता की गारंटी दी गयी है.