भारत को सबक सिखाना चाहता है कनाडा! मौजूदा तनाव को एक्सपर्ट ने बताया 'ट्रूडो का प्रोपेगेंडा'
India Canada Tension: विदेशी मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने कहा कि कनाडा हमारे खिलाफ वैश्विक दुष्प्रचार कर रहा है. हो सकता है कि उसकी कोशिश भारत को पीछे धकेलने और छवि खराब करने की हो.
India Canada Row: भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ समय से चल रहे तनाव के बीच विदेशी मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कनाडा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को देखकर लगता है कि मानो कनाडा भारत को सबक सिखाना चाहता है.
एएनआई से बात करते हुए सचदेव ने कहा कि कनाडा भारत के खिलाफ "वैश्विक दुष्प्रचार" कर रहा है और पश्चिमी देशों को यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि भारत हमारे पश्चिमी प्रभुत्व वाले व्यवस्था के लिए खतरा बन रहा है.
'खुफिया विभाग की विफलता'
उन्होंने आगे कहा कि भारत ने कई बार ये कहा है कि कनाडाई खुफिया विभाग भारतीय राजनयिकों के बारे में गोपनीय जानकारी जुटा रहा है. मेरा कहना है कि इन सभी विदेशी प्रभावों और उनकी खुफिया विफलताओं के बारे में कनाडा पर अभी एक जांच आयोग चल रहा है. कनाडाई खुफिया विभाग की जांच की जानी चाहिए कि वे इन गतिविधियों को कैसे अंजाम दे रहे हैं. कनाडा की संसद को पता होना चाहिए कि उसकी खुफिया एजेंसियां कैसे काम कर रही हैं... हो सकता है कि कुछ खामियां हों... हो सकता है कि कुछ विदेशी ताकतों ने खुफिया एजेंसियों को प्रभावित किया हो."
#WATCH | Delhi: On India-Canada relation, Foreign Affairs Expert, Robinder Sachdev says, " What India is saying is that the Canadian intelligence is gathering intelligence about Indian diplomats. My point is that there is a commission of enquiry right now going on Canada… pic.twitter.com/jNEmwX6ySs
— ANI (@ANI) November 3, 2024
'भारत को पीछे धकेलने की हो सकती है कोशिश'
सचदेव ने आगे अनुमान लगाया, "ऐसा लगता है कि कनाडा भारत को सबक सिखाना चाहता है... वे हमारे खिलाफ वैश्विक दुष्प्रचार कर रहे हैं... हो सकता है कि वे भारत को पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे हो और पश्चिम, यानी अमेरिका और इंग्लैंड को यह दिखाना चाहता हो कि भारत हमारे पश्चिमी वर्चस्व वाले व्यवस्था के लिए खतरा बन रहा है." कनाडा ने हाल ही में भारत को साइबर विरोधी करार देते हुए उसे शत्रुपूर्ण देशों की लिस्ट में रखा है. भारत ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास बताया.
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