S Jaishankar on India-Canada Dispute: भारत और कनाडा के बीच फ‍िलहाल संबंधों में गतिरोध बरकरार है. दोनों के र‍िश्‍ते बेहद ही कठ‍िन दौर से गुजर रहे हैं. फ‍िलहाल लोगों की सबसे बड़ी च‍िंता वीजा बंद किए जाने को लेकर बनी हुई है. भारत सरकार इस मामले में पैनी नजर बनाए हुए हैं. जैसे ही स्‍थ‍ित‍ि में कुछ सुधार होता है तो वीजा फ‍िर से शुरू क‍िया जाएगा. व‍िदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दोनों देशों में चल रही तनातनी के बीच यह बातें कहीं. 


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताब‍िक व‍िदेश मंत्री जयंशकर ने कहा, "कुछ हफ्ते पहले भारत सरकार ने कनाडा में वीजा जारी करना बंद कर दिया था. इस तरह की स‍ुव‍िधा को जारी रखना भारतीय राजनयिकों के लिए सुरक्षित नहीं था. उनको वीजा जारी करने के ल‍िए काम पर जाना सुरक्ष‍ित नहीं था. इसलिए उनकी सुरक्षा और संरक्षा को प्राथम‍िकता देते हुए वीजा जारी करने की सुव‍िधा को अस्थायी तौर पर रोकना पड़ा.  





'हालात सामान्‍य होने पर शुरू होगी वीजा सुव‍िधा' 


व‍िदेश मंत्री ने कहा क‍ि इस पूरे मामले को बारीकी से ट्रैक क‍िया जा रहा है. उन्‍होंने कहा क‍ि अगर हालातों कुछ सामान्‍य होते हैं तो हम इस सुव‍िधा को फ‍िर से शुरू करने पर काम करेंगे.  






'वियना कन्वेंशन को कनाडा में कई तरीकों से चुनौती दी गई' 


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, " राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना वियना कन्वेंशन का सबसे बुनियादी पहलू है. इसको कनाडा में कई तरीकों से चुनौती दी गई है. उन्‍होंने कहा क‍ि वहां पर हमारे लोग सुरक्ष‍ित नहीं है. राजनय‍िक सुरक्ष‍ित नहीं हैं. 


'भारत-कनाडा में राजनय‍िकों की संख्‍या को लेकर बनी है तनातनी' 


इस बीच देखा जाए तो भारत ने कहा था कि कनाडा में भारत के जितने राजनयिक हैं, कनाडा ने भारत में उससे कहीं ज्‍यादा राजनयिक तैनात किए थे. दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ने के बाद भारत ने इस मामले में राजनयिकों की संख्या में बराबरी की मांग की थी.


इस पर कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत का कनाडाई राजनयिकों को मिलने वाली सुरक्षा हटाने की बात करना 'अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन' है. उन्होंने कहा था कि कनाडा इसके बदले में कोई कार्रवाई नहीं करेगा. यह भी कहा था कि घूमने या बसने के लिए आने वाले भारतीयों का अभी भी कनाडा में स्वागत है.  


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