India-US Relations: सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को लेकर भारत और कनाडा के बीच रिश्ते अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच चुके हैं. इसे लेकर दोनों देशों की ओर से राजनयिकों का निष्कासन किया जा चुका है. इस बीच कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अब अमेरिका भी भारत के राजनयिकों को निष्कासित करने जा रहा है.
अमेरिकी विदेश विभाग ने इस दावे का खंडन किया है कि भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच वाशिंगटन भारतीय राजनयिकों को 'निष्कासित' करने पर विचार कर रहा है. एक प्रेस वार्ता के दौरान मंगलवार (29 अक्टूबर) को विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है.
अमेरिका बोला- 'हमें ऐसी किसी रिपोर्ट की जानकारी नहीं'
मैथ्यू मिलर ने कहा, "मैं इस रिपोर्ट से परिचित नहीं हूं कि हमने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है...मुझे किसी निष्कासन की जानकारी नहीं है." इस महीने की शुरुआत में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में कनाडाई सरकार की ओर से भारत के राजनयिक को 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किए जाने के बाद भारत ने कनाडा से छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था.
'विकास यादव का प्रत्यर्पणम पर न्याय विभाग लेगा फैसला'
अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में भूमिका रखने वाले भारत सरकार के पूर्व कर्मचारी विकास यादव के मामले पर भी प्रतिक्रिया दी. यादव के संभावित प्रत्यर्पण के बारे में पूछे जाने पर मिलर ने कहा कि प्रत्यर्पण का मामला अमेरिकी न्याय विभाग के विशेषाधिकार के तहत आता है. उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका इस मुद्दे पर भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहा है.
'भारत ने भेजा अपना प्रतिनिधिमंडल'
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने अपनी जांच की स्थिति के बारे में अधिकारियों को जानकारी देने के लिए दो सप्ताह पहले अमेरिका में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारतीय समकक्षों को स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले में वास्तविक जवाबदेही होगी.
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