India Canada Relations: खालिस्तान के मुद्दे पर भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ चुके हैं. बीती 18 सितंबर को जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ दिया. निज्जर भारत में एक नामी आतंकी था. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है. भारत ने कनाडा को जमकर फटकार लगाई और एक्शन भी लिया. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब इस तरह की स्थिति देखने को मिली है.


इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान भी कनाडा को खरी-खरी सुनाई गई थी. आज 26 सितंबर को देश के इकलौते सिख पीएम रहे मनमोहन सिंह का जन्मदिन है. इस मौके पर आइए जानते हैं उनकी सरकार के दौरान भारत और कनाडा के बीच कैसे रिश्ते रहे.


जब मनमोहन सिंह ने कनाडा को लगाई फटकार


ये बात है साल 2010 की. कनाडा में जी-20 समिट था. भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसमें शामिल होने के लिए वहां जाना था. इससे पहले ही खालिस्तान के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया. ऐसे में कनाडा को एक कड़ा संदेश की जरूरत थी. भारत को मौका भी मिल गया. अप्रैल 2010 में वॉशिंगटन में न्यूक्लियर सिक्योरिटी समिट होनी थी. इसी दौरान मनमोहन सिंह की मुलाकात कनाडा के तत्कालीन पीएम स्टीफन हार्पर से हुई. मीटिंग में मनमोहन सिंह ने बेहद ही साफ शब्दों में सिख अलगाववादियों पर एक्शन लेने की मांग की थी.


मनमोहन सिंह ने पंजाब में सक्रिय खालिस्तान समर्थकों के लिए बढ़ते समर्थन के लिए स्टीफन हार्पर को चेतावनी भी दी थी. दो साल बाद 2012 में भारत सरकार ने एक बार फिर कनाडा की सत्तारूढ़ सरकार को चेतावनी दी. भारत की तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री परनीत कौर ने पीएम हार्पर से कहा था, “कनाडा में भारत विरोधी बयानबाजी का पुनरुद्धार भारत के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है.”


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