India-Canada Tensions: '2024 चुनाव से पहले मोदी सरकार बंद करे खालिस्तान चैप्टर', असदुद्दीन ओवैसी ने क्यों कही ये बात?
India-Canada Relations: भारत और कनाडा के बीच संबंधों को लेकर हैदराबाद सासंद असदुद्दीन ओवैसी ने टिप्पणी की है. उन्होंने एक बड़े खतरे का अंदेशा जताया है.
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India-Canada Row: भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में जिस तरह से कड़वाहटें आई हैं. उसकी चर्चा न सिर्फ विदेशों में हो रही है, बल्कि देश में भी लोग इस बारे में बात कर रहे हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि भारत को कनाडा संग इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझा लेना चाहिए, क्योंकि अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो ये मामला अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच सकता है.
ओवैसी ने 'एक्स' पर लिखा, 'भारत जो आखिरी चीज चाहेगा, वो ये है कि कनाडा भारत को 'सर्विस ट्रेड' के मोड 4 के उल्लंघन के आरोप में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के 'डिस्प्यूट सेटलमेंट बॉडी' में ले जाए. 'सर्विस ट्रेड' का मोड 4 प्रोफेशनल्स को बिना किसी रोक-टोक के आवाजाही की इजाजत देता है.' उन्होंने कहा, 'मोदी सरकार को 2024 चुनाव से पहले खालिस्तान चैप्टर को बंद करने की जरूरत है, क्योंकि बाद में इसमें और भी ज्यादा देरी हो सकती है.'
"The last thing that India would want now is to have Canada take India to the Dispute Settlement Body of the World Trade Organization on charges of violating Mode 4 of services trade that allows free movement of professionals."
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 22, 2023
Modi Govt Needs To Close The Khalistan Chapter…
कनाडा के लिए वीजा सर्विस पर रोक
दरअसल, भारत और कनाडा के बीच विवाद की वजह से नई दिल्ली ने कुछ कड़े कदम उठाए हैं. नई दिल्ली ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा सर्विस को बंद कर दिया है. इसके पीछे ऑपरेशनल गड़बड़ियों का हवाला दिया गया है. नई दिल्ली के इस फैसले की वजह से कनाडाई नागरिकों का भारत आना मुश्किल हो गया है. ओवैसी ने एपीबी न्यूज की खबर का हवाला देते हुए डर जताया है कि कहीं कनाडा भारत के इस फैसले के चलते उसे अंतरराष्ट्रीय मंच तक लेकर चला जाए.
खबर में क्या कहा गया?
एबीपी न्यूज की खबर में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कनाडा के साथ खालिस्तान के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है. लेकिन सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि वह कनाडा के साथ मिलकर इस चैप्टर को 2024 के चुनावों से पहले बंद कर दे. इस समस्या को भविष्य की सरकारों के लिए नहीं छोड़ा जाना चाहिए. अगर ऐसा किया जाता है, तो बहुत देर हो जाएगी. ऐसा नहीं होने पर खालिस्तान का मुद्दा भारत के लिए सबसे बड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बन जाएगा.
इसमें आगे कहा गया है कि भारत के ग्लोबल लीडर बनने का वक्त आ चुका है. उसे इस मामले को चतुराई के साथ निपटाना चाहिए. कनाडा को अपने राजनयिक स्टाफ को कम करने के लिए कहने और वीजा पर रोक लगाने से समाधान नहीं होगा. असल में वीजा बैन वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन है. खबर में कहा गया है कि ऐसा करना भारत के लिए बुरा हो सकता है, क्योंकि कनाडा भारत को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के पास ले जा सकता है.
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