India-Canada Tensions: कनाडा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वो लगातार भारत को बदनाम करने की नाकाम कोशिशें करता रहता है. खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बाद कनाडा ने मुंह की खाई. अब उसने एक नया आरोप भारत पर लगाया है.
कनाडा ने अपने देश के चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के आरोप लगाकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. इन सभी आरोपों को विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (8 फरवरी) को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कनाडा को करारा जवाब देते हुए कहा, "भारत सरकार की नीति अन्य देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की नहीं है. जबकि कनाडा ही भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है."
एफआई गतिविधियों में भारत की संलिप्ता के लगाए आरोप
आउटलेट ग्लोबल न्यूज़ की ओर से हाल ही में एक दस्तावेज का हवाला देते हुए उसमें भारत को एक 'चिंता का विषय' बताया गया था. इस रिपोर्ट को कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) की ओर से तैयार किया गया था. इसमें में भारत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया, "भारत की एफआई (विदेशी हस्तक्षेप) गतिविधियों में संलिप्ता बताई गई थी."
भारत ने सभी आरोप को किया खारिज
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं. कनाडाई आयोग विदेशी हस्तक्षेप मामले की जांच कर रहा है. भारत ने कनाडा की तरफ से लगाए इस तरह के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और उनको मजबूती से खारिज करने की बात भी कही.
कनाडाई अधिकारियों के साथ मुद्दे को उठाता रहा है भारत
प्रवक्ता ने इस बात को दोहराते हुए कहा, ''भारत सरकार की नीति दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की नहीं है. वास्तविकता यह है कि इसके बिल्कुल उलट कनाडा ही भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.'' उन्होंने यह भी कहा कि इस सभी के मद्देनजर भारत ने लगातार कनाडाई अधिकारियों के साथ मुद्दे को उठाया है और उनसे भारत की चिंताओं को प्रभावी ढंग से पेश करने का भी आह्वान किया है.
निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के रिश्ते हुए खराब
दरअसल, कनाडा की जमीन पर खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में नई दिल्ली के खिलाफ भी निराधार आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए. इसके बाद दोनों देशों की तरफ से कई सख्त कदम भी उठाए गए थे. वहीं, दोनों देशों की तरफ से संबंधों को सुधारने और ज्यादा खराब नहीं होने के लगातार प्रयास भी किए गए हैं.
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