India Carefully Monitors China Infrastructure: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अमेरिकी जनरल फ्लिन के चीन की आक्रामकता के बयान पर कहा है कि हमने भी इस बारे में रिपोर्ट देखी हैं. हालांकि जनरल फ्लिन के बयान पर हम कुछ नहीं कहना चाहते हैं. हम पहले भी यह कह चुके हैं और फिर दोहराना चाहते हैं कि भारत, चीनी पक्ष की तरफ से हमारे सीमावर्ती इलाकों में किए जा रहे ढांचागत निर्माण की सावधानीपूर्वक निगरानी करता है. इसमें पश्चिमी क्षेत्र और अधिक दूरी वाले इलाकों में बनाया जा रहा ढांचागत निर्माण शामिल है. भारत सरकार ने अपनी रणनीतिक जरूरतों के लिए बल्कि क्षेत्रीय विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी बुनियादी ढांचे का विकास किया है. 


भारत यात्रा पर आए फ्लिन ने बुधवार को कहा था कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का अस्थिर और कटू व्यवहार मददगार नहीं है और भारत से लगती अपनी सीमा के निकट चीन द्वारा स्थापित किए जा रहे कुछ रक्षा बुनियादी ढांचे चिंताजनक हैं. उन्होंने कहा था, मुझे लगता है कि (चीनी सेना की) पश्चिमी थिएटर कमान में जो कुछ बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है, वह चिंताजनक है.


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दोनों स्तर पर संवाद जारी


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक मौजूदा स्थिति का जहां तक सवाल है, हमने राजनियक और सैन्य स्तर पर संवाद बनाए रखा है. दोनों देशों के बीच अब तक सैन्य कमांडर स्तर की 15 और डबल्यूएमसीसीकी 10 बैठकें हो चुकी हैं. इससे कुछ प्रगति हुई है. दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में डिस्एंगेज कर पाए हैं. हम शेष मुद्दों को हल करने के लिए हम चीनी पक्ष के साथ बातचीत जारी रखेंगे. दोनों पक्ष वरिष्ठ कमांडर स्तर की वार्ता आयोजित करने पर भी सहमत हुए हैं.


ये है हमारी अपेक्षा


विदेश मंत्रालय के मुताबिक हमारी अपेक्षा है कि चीनी पक्ष भारत के साथ शेष मुद्दों के पारस्परिक समाधान के लिए काम करेगा. इस तथ्य को देखते हुए कि दोनों पक्ष इस बात के लिए सहमत है कि मौजूदा स्थिति को लंबा खींचना किसी भी पक्ष के लिए हितकर नहीं है. न ही आपसी संबंधों की प्रगति के लिए ठीक है.


फ्लिन के बयान से बौखलाया चीन


वहीं चीन चीन ने भारत से लगी सीमा पर रक्षा बुनियादी ढांचा स्थापित करने को लेकर अमेरिका के शीर्ष जनरल की आलोचनात्मक टिप्पणियों को बृहस्पतिवार को 'निंदनीय' करार दिया. साथ ही उसने इसे 'आग में घी डालने' डालने की कुछ अमेरिकी अधिकारियों की कोशिशों करार देते हुए कहा कि चीन और भारत के पास वार्ता के जरिये उचित तरीके से अपने मुद्दों को सुलझाने की 'इच्छाशक्ति और क्षमता' है. झाओ ने कहा कि 'कुछ अमेरिकी अधिकारी आग में घी डाल रहे हैं और उंगलियां उठा रहे हैं. यह निंदनीय है. हम उम्मीद करते हैं कि वे क्षेत्रीय शांति व स्थिरता में योगदान के लिये ज्यादा काम करेंगे.'


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