नई दिल्ली: भारतीय सेना ने पीओके में 13 नवंबर को एक और बड़ी स्ट्राइक की. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सेना ने पीओके में कई आतंकी कैंप को निशाना बनाया. जानकारी के मुताबिक सेना 13 नवंबर से ही एलओसी पर पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बना कर कार्रवाई कर रही है.


इसी कार्रवाई के तहत 13 नवंबर को सेना पाकिस्तानी सेना के कई बंकर ध्वस्त किए थे. सेना की ओर से जारी स्पष्टिकरण में कहा गा है कि आज एलओसी पर फायरिंग की कोई घटना नहीं हुआ.



सूत्रों ने कहा कि बीते कुछ हफ्तों में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने में मदद के उद्देश्य से पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ के असैन्य क्षेत्रों को लगातार मोर्टार और अन्य भारी हथियारों से निशाना बना रही है.


आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में जहां पूरे साल में 18 नागरिक पाकिस्तान की गोलाबारी में मारे गए थे, वहीं इस साल अब तक 21 निर्दोष असैनिक नागरिकों की जान पाकिस्तान की गोलाबारी में जा चुकी है. सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों (अधिकतर पाकिस्तानी और विदेशी) को नाकाम करने के लिए खुफिया सूचना आधारित लक्षित हमले किए जा रहे हैं और इन अभियानों में अपनी तरफ नुकसान की गुंजाइश बेहद नगण्य रहती है.


उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अशांति “भड़काने” और युवाओं को हथियार मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान द्वारा नया तरीका अपनाया जा रहा है जिससे बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दवाब के बीच किसी तरह की निगरानी से बचा जा सके. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान पर अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय दबाव है.


एक सैन्य सूत्र ने कहा, “पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर भारत की तरफ शांतिपूर्वक रह रहे ग्रामीणों को निशाना बनाकर इलाके में रहने वालों को यह संदेश देना चाहता है कि आतंकवाद को लेकर पाकिस्तानी निर्देशों की नाफरमानी जानलेवा साबित होगी.” पाकिस्तान ने बीते शुक्रवार को संघर्ष विराम उल्लंघन की बड़ी घटना को अंजाम देते हुए उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी की जिसमें कम से कम चार असैनिक नागरिकों के अलावा पांच सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई.


भारतीय सेना ने इस संघर्ष विराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब देते हुए कई पाकिस्तानी ठिकानों पर टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों और तोपों से गोले दागे जिसमें कम से कम आठ पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई और 12 अन्य घायल हो गए. उन्होंने कहा, “नागरिकों को खास तौर पर निशाना बनाने की पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई का जवाब भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में संदिग्ध आतंकी लॉन्च पैड पर सटीक लक्षित हमले करके दे रही है.”


सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान सहानुभूति बटोरने और अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं से सहायता हासिल करने के उद्देश्य से वहां हो रही आतंकवादियों की मौत को नागरिकों की मौत के तौर पर दिखा रहा है. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा से लगे भारतीय ठिकानों पर भी भारी हथियारों से गोलीबारी कर रही है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक नियंत्रण रेखा पर इस साल घुसपैठ की आठ कोशिशों को नाकाम किया गया और 14 आतंकवादियों को मार गिराया गया.


सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा पिछले साल बालाकोट हवाई हमले के बाद से पाकिस्तान आतंकी प्रशिक्षण शिविरों वाले स्थानों की कड़ी निगरानी कर रहा है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत के बाद कार्रवाई करते हुए भारतीय विमानों ने पिछले साल 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर घुसकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बम बरसाए थे.


भारत की इस कार्रवाई ने सीमा पार आतंकवाद से निपटने के देश के रुख में व्यापक बदलाव को परिलक्षित किया था. एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, “पाकिस्तान के झूठे विमर्श के बहकावे में आकर आतंकी तंजीम में शामिल होने वाले भटके हुए युवा सुरक्षा बलों के ठोस प्रयासों के बाद बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण कर वापस मुख्यधारा में लौट रहे हैं. सुरक्षा बलों के इस प्रयास में आतंकवादियों के माता-पिता, दोस्त और परिजन भी मदद कर रहे हैं.”


पुलवामा जैसे हमले की साजिश नाकाम
भारतीय सेना ने आज पुलवामा जैसा हमला दोहराने की साजिश को नाकाम कर दिया. चावल से भरे ट्रक में छिपकर श्रीनगर जा रहे चार आतंकियों को जम्मू के नगरोटा में ढेर कर दिया. सुरक्षा बलों ने ट्रक को भी उड़ा दिया. मारे गए आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. आतंकियों के पास 11 AK-47 और 29 ग्रेनेड समेत भारी मात्रा में हथियार का जखीरा बरामद हुआ है.