मकर संक्रांति: देशभर में लोहड़ी, पोंगल और मकर संक्रांति का त्योहार लगातार तीन दिनों तक 13, 14 और 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इस अवसर पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि ये त्योहार नई फसल के आने का उत्सव है. महानायक अमिताभ बच्चन ने भी सभी को इन त्योहारों की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने कहा कि सूर्य के उत्तरायण होने पर मौसम बदलने लगता है और लोग नई फसल के आने की खुशियां मनाते हैं. यहां जानते हैं आखिर क्या है लोहड़ी, पोंगल और मकर संक्रांति का त्योहार और ये क्यों मनाए जाते हैं.


मकर संक्रांति के पर्व का उत्तर भारत में बड़ा महत्व है. इस दिन के बाद से ही यहां के लोग शुभ कार्य जैसे शादी, विवाह आदि करना शुरू कर देते हैं. वैसे तो लगभग हर साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह 15 जनवरी को पड़ा है. मकर संक्रांति के त्योहार के अवसर पर तिल के लड्डू और खिचड़ी खाने का रिवाज है.


सूर्य जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तभी मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है. वहीं, लोहड़ी का पर्व देश में आज मनाया जा रहा है. पंजाबी समाज के साथ हरियाणा और दिल्ली के लोग गीत-संगीत के साथ बड़े ही धूमधाम से लोहड़ी का त्योहार मनाते हैं. इस दिन का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि इसी के बाद से दिन का बड़ा होना शुरू हो जाता है और माघ मास की शुरुआत हो जाती है.


जनवरी में इस बार तीन दिनों तक पर्वों का सिलसिला चल रहा है. 13 जनवरी को लोहड़ी, 14 जनवरी को पोंगल और 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. पोंगल का त्योहार मलयाली और तमिल समाज के लोग मनाते हैं. तमिलनाडु के लोग पोंगल के अवसर पर भगवान नटराज की पूजा करते हैं. पोंगल का त्योहार लगातार चार दिनों तक मनाया जाता है. यह नए फसल की कटने की खुशी में मनाया जाता है.


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