एक्सप्लोरर

1971 में भारत की पाकिस्तान पर जीत का गवाह है विजय दिवस, जानें भारतीय वीरों के आगे दुश्मन के घुटने टेकने की कहानी

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुआ युद्ध कई मायनों में खास था. इस युद्ध ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया और बांग्लादेश नाम के एक नए देश का जन्म हुआ. पाकिस्तान को भारत के सामने सरेंडर करना पड़ा और भारतीय सेना ने अपे अप्रतीम साहस और शौर्य का दुनिया के सामने लोहा मनावाया.

विजय दिवस: देश आज शौर्य की गाथा का प्रतीक विजय दिवस की 48वीं सालगिरह मना रहा है. 1971 में पाकिस्तान के साथ चली 13 दिन की लड़ाई के बाद आज के दिन भारतीय सेना ने फतह हासिल की थी. इस जंग में करीब 3843 भारतीय सैनिकों ने अपने प्राण न्योछावर किए. इस युद्ध की जीत का ही परिणाम था कि पाकिस्तान के करीब 90 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया और फिर दुनिया ने इतिहास बनते देखा...पूर्वी पाक अलग हुआ और बांग्लादेश का जन्म हुआ. राष्ट्रपति प्रधानमंत्री कोविंद से लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने आज अपने वीर बहादुर सिपाहियों के बलिदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

दरअसल, पाकिस्तान की सरकार और सेना पूर्वी पाकिस्तान में रहने वाले अपने ही देश के लोगों पर जुल्म कर रही थी. बेगुनाह लोगों की हत्या कर रही थी और ये सब सिर्फ इसलिए क्योंकि पूर्वी पाकिस्तान के लोग सेना के जुल्म के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. उनकी आवाज दबाने के लिए पाकिस्तान ने नरसंहार शुरू कर दिया था. अपनी जान बचाने के लिए लोग वहां से भागने लगे.

इस जुल्म से बचने के लिए पूर्वी पाकिस्तान के 10 लाख शरणार्थी भारतीय पहुंच गए. इंदिरा पर इस बात का दबाव बढ़ रहा था कि वो जरूरी कार्रवाई करें. इसीलिए इंदिरा ने एक तरफ भारतीय फौज को युद्ध की तैयारी करने का आदेश दिया और दूसरी तरफ पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू कर दी. थलसेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ की मौजूदगी में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर के साथ हुई एक बैठक में इंदिरा ने साफ कर दिया कि अगर अमेरिका पाकिस्तान को नहीं रोकेगा तो भारत पाकिस्तान पर सैनिक कार्रवाई के लिए मजबूर होगा. अमेरिका के नरम रवैये को देखते हए इंदिरा ने 9 अगस्त 1971 को सोवियत संघ के साथ एक ऐसा समझौता किया जिसके तहत दोनो देशों ने एक दूसरे की सुरक्षा का भरोसा दिया.

पूर्वी पाकिस्तान में हालात बद से बदतर होते जा रहे थे. पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स, ईस्ट बंगाल रेजिमेंट और ईस्ट पाकिस्तान राइफल्स के बंगाली सैनिकों ने पाकिस्तानी फौज के खिलाफ बगावत कर खुद को आजाद घोषित कर दिया था. ये लोग भारत से मदद की उम्मीद कर रहे थे. भारत की तरफ से वहां के लोगों को फौजी ट्रेनिंग दी जाने लगी जिससे वहां मुक्ति वाहिनी सेना का जन्म हुआ. पाकिस्तान, चीन और अमेरिका के दम पर लगातार भारत को उकसा रहा था. नवंबर के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तान के विमानों ने बार बार भारतीय हवाई सीमा में दाखिल होना शुरु कर दिया. इस पर भारत की तरफ से पाकिस्तान को चेतावनी दी गयी लेकिन बजाय संभलने के पाकिस्तानी राष्ट्रपति याहिया खान ने 10 दिन के अंदर युद्ध की धमकी दे डाली. पाकिस्तान को उस वक्त ये अंदाजा भी नहीं था कि भारतीय सेना पहले ही अपनी तैयारी शुरू कर चुकी है.

3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी विमानों ने भारत के कुछ शहरों पर बमबारी करने की गलती कर दी. हमले की खबर मिलते ही इंदिरा सीधे मैप रूम पहुंची, जहां उन्हें हालात का ब्यौरा दिया गया. उस वक्त रात के 11 बज चुके थे. सेना के अफसरों से बैठक के बाद इंदिरा ने कैबिनेट बैठक बुलाई और फिर विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें भी पूरे हालात की जानकारी दी. आधी रात हो चुकी थी जब इंदिरा ने ऑल इंडिया रेडियो के जरिए पूरे देश को संबोधित किया. इंदिरा ने भारतीय सेना को ढाका की तरफ बढ़ने का हुक्म दे दिया.

वहीं, भारतीय वायुसेना ने पश्चिमी पाकिस्तान के अहम ठिकानों और हवाई अड्डों पर बम बरसाने शुरू कर दिये. भारत की तीनों सेनाओं ने पाकिस्तान की जबरदस्त नाकेबंदी की थी. 3 दिसंबर के हमले का जवाब भारत ने आपरेशन ट्राइडेंट शुरु करके दिया था. चार दिसंबर, 1971 को आपरेशन ट्राइडेंट शुरू हुआ. भारतीय नौसेना ने भी युद्ध के दो मोर्चे संभाल रखे थे. एक था बंगाल की खाड़ी में समुद्र की ओर से पाकिस्तानी नौसेना को टक्कर देना और दूसरा पश्चिमी पाकिस्तान की सेना का मुकाबला करना.

5 दिसंबर को भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर जबरदस्त बमबारी कर पाकिस्तानी नौसैनिक मुख्यालय को तबाह कर दिया. पाकिस्तान पूरी तरह घिर चुका था. इसी बीच इंदिरा ने बांग्लादेश को मान्यता देने का एलान कर दिया. भारत ने युद्ध में जीत से पहले ही ये फैसला इसलिए किया जिससे युद्धविराम की स्थिति में बांग्लादेश का मामला यूनाइटेड नेशन्स में लटक न जाए. अमेरिका ने पाकिस्तान की मदद के लिए अपनी नौसेना का सबसे शक्तिशाली सातवां बेड़ा बंगाल की खाड़ी की तरफ भेज दिया जिसके जवाब में इंदिरा ने सोवियत संघ के साथ हुई संधि के तहत उन्हें अपने जंगी जहाजों को हिंद महासागर में भेजने के लिए कहा. इस तरह से दो महाशक्तियां अप्रत्यक्ष रूप से इस युद्ध में शामिल हो चुकी थीं.

इंदिरा गांधी ने फैसला लिया कि अमेरिकी बेड़े के भारत के करीब पहुंचने से पहले पाकिस्तानी फौज को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना होगा. जिसके बाद थल सेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेक शॉ ने तुरंत पाकिस्तानी फौज को आत्मसमर्पण की चेतावनी जारी कर दी. पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तान की सेना के कमांडर जनरल ए ए के नियाजी ने अमेरिका और चीन के दम पर सरेंडर से इंकार कर दिया. उस वक्त तक भारतीय सेना ढाका को 3 तरफ से घेर चुकी थी. 14 दिसंबर को भारतीय सेना ने ढाका में पाकिस्तान के गवर्नर के घर पर हमला किया, उस वक्त वहां पाकिस्तान के सभी बड़े अधिकारी गुप्त मीटिंग के लिये इकट्टा हुये थे.

इस हमले से पाकिस्तानी फौज के हौसले पस्त हो गए. जनरल नियाजी ने तुरंत युद्ध विराम का प्रस्ताव भिजवा दिया. लेकिन भारतीय थलसेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ ने साफ कर दिया कि अब युद्ध विराम नहीं बल्कि सरेंडर होगा. मेजर जनरल जेएफआर जैकब को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद कोलकाता से भारत के पूर्वी कमांड के प्रमुख लेफिटेनेंट जेनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ढाका पहुंचे. अरोडा और नियाज़ी एक मेज़ के सामने बैठे और 16 दिसंबर 1971 को दोपहर के 2.30 बजे सरेंडर की प्रक्रिया शुरू हुई. पाकिस्तानी कमांडर नियाजी ने पहले लेफ्टिनेंट जनरल अरोड़ा के सामने सरेंडर के कागज पर दस्तखत किए और फिर अपने बिल्ले उतारे. सरेंडर के प्रतीक के तौर पर नियाजी ने अपना रिवॉल्वर जनरल अरोड़ा के हवाले कर दिया. भारत ने सिर्फ 14 दिन में पाकिस्तानी फौज को हथियार डालने के लिए मजबूर कर दिया.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

झारखंड की 43 सीटों पर मतदान आज, 11 राज्यों की 33 सीटों पर भी होगा उपचुनाव, यहां देखें पल-पल का चुनावी अपडेट
झारखंड की 43 सीटों पर मतदान आज, 11 राज्यों की 33 सीटों पर भी होगा उपचुनाव, यहां देखें पल-पल का चुनावी अपडेट
'ऐसा सिखाते हैं क्या आप लोग', गद्दार कहे जाने पर कांग्रेस नेता के दफ्तर जाकर भड़के CM शिंदे
'ऐसा सिखाते हैं क्या आप लोग', गद्दार कहे जाने पर कांग्रेस नेता के दफ्तर जाकर भड़के CM शिंदे
India-China Relations: LAC पर गश्त का पहला दौर पूरा, भारत-चीन एग्रीमेंट के बाद शुरू हुई थी पेट्रोलिंग
LAC पर गश्त का पहला दौर पूरा, भारत-चीन एग्रीमेंट के बाद शुरू हुई थी पेट्रोलिंग
RCB ने इस भारतीय खिलाड़ी के लिए अलग कर दिए 30 करोड़, ऑक्शन में कोई भी कीमत देने को तैयार है बेंगलुरु
RCB ने इस भारतीय खिलाड़ी के लिए अलग कर दिए 30 करोड़, ऑक्शन में कोई भी कीमत देने को तैयार है बेंगलुरु
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election 2024: मिलिंद देवड़ा बिगाड़ेंगे आदित्य का गेम? | Worli Seat | ABP NewsPolitical Power Centre: औरंगजेब के नाम पर ओवैसी vs फडणवीस! | Asaduddin Owaisi | Devendra FadnavisBreaking News: Uddhav Thackeray को लेकर Sanjay Singh का बड़ा बयान | Maharashtra Politics | ABPIndian License के साथ विदेशों में भी चलाएं गाड़ी, TOP 10 देश जहां आपका License मान्य है | Paisa Live

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
झारखंड की 43 सीटों पर मतदान आज, 11 राज्यों की 33 सीटों पर भी होगा उपचुनाव, यहां देखें पल-पल का चुनावी अपडेट
झारखंड की 43 सीटों पर मतदान आज, 11 राज्यों की 33 सीटों पर भी होगा उपचुनाव, यहां देखें पल-पल का चुनावी अपडेट
'ऐसा सिखाते हैं क्या आप लोग', गद्दार कहे जाने पर कांग्रेस नेता के दफ्तर जाकर भड़के CM शिंदे
'ऐसा सिखाते हैं क्या आप लोग', गद्दार कहे जाने पर कांग्रेस नेता के दफ्तर जाकर भड़के CM शिंदे
India-China Relations: LAC पर गश्त का पहला दौर पूरा, भारत-चीन एग्रीमेंट के बाद शुरू हुई थी पेट्रोलिंग
LAC पर गश्त का पहला दौर पूरा, भारत-चीन एग्रीमेंट के बाद शुरू हुई थी पेट्रोलिंग
RCB ने इस भारतीय खिलाड़ी के लिए अलग कर दिए 30 करोड़, ऑक्शन में कोई भी कीमत देने को तैयार है बेंगलुरु
RCB ने इस भारतीय खिलाड़ी के लिए अलग कर दिए 30 करोड़, ऑक्शन में कोई भी कीमत देने को तैयार है बेंगलुरु
ठंड में मोजे पहनकर सोते हैं आप? जान लीजिए ये आपके लिए कितना खतरनाक
ठंड में मोजे पहनकर सोते हैं आप? जान लीजिए ये आपके लिए कितना खतरनाक
पटना पहुंचे ‘रूह बाबा’, लिट्टी चोखा खाकर मनाया ‘भूल भुलैया 3’ की सक्सेस का जश्न, वीडियो हुआ वायरल
पटना पहुंचे ‘रूह बाबा’, लिट्टी चोखा खाकर मनाया ‘भूल भुलैया 3’ की सक्सेस का जश्न
Israel Gaza Conflict: मुस्लिम मुल्कों के सम्मेलन में इजरायल पर भड़के सऊदी के प्रिंस सलमान, गाजा में हो रहे हमले को बताया नरसंहार
इजरायल पर भड़के सऊदी के प्रिंस सलमान, गाजा में हो रहे हमले को बताया नरसंहार
'...इसलिए मैंने भी कहा BJP वालों को कुत्ता बनाओ', विवादित बयान पर बोले नाना पटोले
'इसलिए मैंने भी कहा BJP वालों को कुत्ता बनाओ', विवादित बयान पर बोले नाना पटोले
Embed widget