इंडिया चाहता है: आखिर यूपी चुनाव पर दिल्ली तक मंथन की हालत क्यों आ गई?
दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और सांसदों की मौजूदगी में यूपी के सीएम योगी का शामिल होना एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. आखिर इस चिंतन के केंद्र में क्या है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर बीजेपी की चिंता बढ़ती जा रही है और यही वजह है कि बैठकों का दौर जारी है. लखनऊ में संगठन की ओवरहॉलिंग के बाद अब दिल्ली में यूपी के सांसदों के साथ बैठक कर यूपी के चुनाव पर चिंतन जारी है. इस चिंतन के केंद्र में क्या है. दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलाकात करेंगे. जाहिर है इस बैठक में भी यूपी के आने वाले चुनाव के लिए योगी को मोदी जीत का मंत्र देंगे. यूपी की राजनीति में सारे दल बात तो विकास की कर रहे हैं लेकिन सबका टारगेट जातियों के जरिए जीत का समीकरण तैयार करने का है. आखिर यूपी चुनाव को दिल्ली तक मंथन की हालत क्यों आ गई.
'इंडिया चाहता है' शो में आज की अगली बड़ी खबर उस खतरे को लेकर है जो दिल्ली पर मंडरा रहा है. एक बारिश में दिल्ली का हाल बुरा हो जाता है. डर है कि कहीं हथिनिकुंड से यमुना का जल तांडव दिल्ली पर बहुत भारी ना पड़ जाए.
वहीं धनबाद में जज की हत्या का सरेराह सनसनीखेज हत्या का मामला सामने आया है. कौन है इस हत्याकांड के पीछे. क्या गैंग्स ऑफ धनबाद के आगे कानून-व्यवस्था नतमस्तक है. क्या जज भी सुरक्षित नहीं है झारखंड में. ये सवाल सीधे सुप्रीम कोर्ट तक आ पहुंचा है.
भारत के दो दुश्मन चीन और तालिबान साथ-साथ आ गए हैं. चीन अब तालिबान के सहारे अपना उल्लू साधने की कोशिश में है. क्या है चीन का प्लान और क्या ये कामयाब होगा. इन सवालों का जवाब इंडिया चाहता है. तो ये सारी खबरें आप देख सकते हैं इंडिया चाहता है में. बस आपको इनमें जो खबर पसंद हो, उसपर टिक लगाइए और हमें भेजिए.
- यूपी की चिंता... बीजेपी सांसदों का दिल्ली में चिंतन
- योगी को आज जीत का मंत्र देंगे पीएम मोदी
- यूपी में विकास बहाना... बस जाति पर निशाना?
- दिल्ली में यमुना क्या जल तांडव करने वाली है?
- गैंग्स ऑफ धनबाद ने ले ली एक जज की जान?
- तालिबान से अपने आतंकियों का कांटा निकालेगा चीन?
अपनी पसंद की खबर देखने के लिए यहां टिक करें- इंडिया चाहता है: अब आप बताएंगे, और हम दिखाएंगे
दिल्ली में बीजेपी सांसदों की बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी के संबोधन के क्या है मायने