India-China Standoff: 14वें दौर की बैठक में भारत का देपसांग-डेमचोक के मुद्दों को हल करने पर जोर, कहा- टकराव वाली जगहों से पीछे हटे चीन
India-China 14th High Level Military Meeting: भारतीय पक्ष ने ‘देपसांग बल्ज’ और डेमचोक में मुद्दों को हल करने समेत टकराव वाले शेष स्थानों पर जल्द से जल्द सेना को हटाने पर जोर दिया.
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14th Military Meeting with China: भारत ने बुधवार को चीन के साथ 14वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में टकराव के शेष स्थानों से सैनिकों को शीघ्र पीछे हटाने पर जोर दिया. सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की ओर चुशुल-मोल्दो ‘बार्डर प्वाइंट’ पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता हुई. इस दौरान भारत ने कहा कि सीमा पर टकराव वाली जगहों से चीन को पीछे हट जाना चाहिए.
सूत्रों ने कहा कि बातचीत में मुख्य रूप से हॉट स्प्रिंग्स (Hot Springs) में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया. वार्ता सुबह साढ़े नौ बजे शुरू हुई और यह शाम तक चली. वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता (Lt Gen Anindya Sengupta) ने किया जिन्हें लेह स्थित 14वीं कोर का नया कमांडर नियुक्त किया गया है. चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के चीफ मेजर जनरल यांग लिन ने किया.
14वें दौर की बैठक में क्या हुआ था
इससे पहले 13वें दौर की वार्ता 10 अक्टूबर 2021 को हुई थी. यह वार्ता गतिरोध के साथ समाप्त हुई थी. दोनों पक्ष इस वार्ता में कोई प्रगति हासिल करने में विफल रहे थे. भारतीय थल सेना ने वार्ता के बाद कहा था कि उनकी ओर से दिए गए रचनात्मक सुझाव पर चीनी पक्ष सहमत नहीं हुआ और न ही वह कोई आगे की दिशा में बढने वाला कोई प्रस्ताव पेश कर सका. नए दौर की यह वार्ता ऐसे समय हुई जब पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाकों में चीन के पुल बनाने पर भारत ने कहा था कि यह इलाका पिछले 60 सालों से चीन के अवैध कब्जे में है.
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