भारत और चीन के बीच 15वें दौर की बैठक 11 मार्च को, LAC के विवादित इलाकों पर होगी चर्चा
जानकारी के मुताबिक, 11 मार्च को होने वाली मीटिंग भारत के कहने पर बुलाई गई है और ये लद्दाख के चुशूल-मोल्डो मीटिंग-प्वॉइंट पर भारत की सीमा में होगी.
यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच भारत और चीन एलएसी के बाकी बचे विवादित इलाकों को सुलझाने के लिए 15वें दौर की बैठक के लिए तैयार हो गए हैं. 11 मार्च को दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर्स पूर्वी लद्दाख के चुशूल में ये अहम मीटिंग करने जा रहे हैं. भारत के रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों की मानें तो विवाद को सुलझानें के लिए हाल में दोनों देशों (भारत और चीन) के जो बयान सामने आए हैं वे 'सकारात्मक और उत्साहजनक' हैं.
दोनों देश अब पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के बाकी बचे 'फ्रिक्शन एरिया' यानी विवादित इलाकों के समाधान की तरफ ध्यान केंद्रित करेंगे. जानकारी के मुताबिक, 11 मार्च को होने वाली मीटिंग भारत के कहने पर बुलाई गई है और ये लद्दाख के चुशूल-मोल्डो मीटिंग-प्वॉइंट पर भारत की सीमा में होगी.
आपको बता दें कि पिछले 22 महीनों से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएएसी) पर विवाद चल रहा है. विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच 14 दौर की बैठक हो चुकी है. इन मीटिंग के जरिए गलवान घाटी, पैंगोंग के उत्तर (फिंगर एरिया) और दक्षिण यानी कैलाश हिल रेंज, गोगरा और हॉट स्प्रिंग जैसे विवादित इलाकों का समाधान हो चुका है. लेकिन अभी भी डेपसांग प्लेन और डेमचोक जैसे इलाके हैं, जहां विवाद जारी है. 15वें दौर की मीटिंग में ऐसे ही विवादित इलाकों पर बातचीत होगी.
गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के चलते जब पूरी दुनिया रूस के खिलाफ खड़ी हो गई है तो भारत और चीन दोनों ही रूस के साथ खड़े हुए दिख रहे हैं. चीन तो खुलकर रूस के पक्ष में खड़ा है. ऐसे में भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स की मीटिंग पर सबकी निगाहें लगी रहेंगी.