India China: पांच सालों में चीन बॉर्डर पर बनाई गई 2088 किमी लंबी सड़क, खर्च किए गए 15,477 करोड़ रुपये
India China Issue: LAC पर चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को नजर में रखते हुए भारत ने सीमा पर सड़क निर्माण को मजूबत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
India China Standoff: केंद्र सरकार (Central Government) ने पिछले पांच सालों में चीन (China) की सीमा से लगे इलाकों में 2088 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है जिसके लिए 15,477 करोड़ रुपये के खर्च किए गए हैं. सरकार की तरफ से सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में ये जानकारी दी गई.
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, बीते पांच सालों में सरकार ने बॉर्डर इलाकों (Bordering Area) में सड़क निर्माण को मजूबत करने के लिए कुल 3 हजार 595 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण परियोजना पर 20,767 करोड़ रुपये खर्च किए गए. जिसमें पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश और म्यांमार के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में किए गए सड़क निर्माण कार्य भी शामिल हैं.
इन देशों की सीमाओं के पास भी बनाई गई सड़कें
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Minister of State for Defence Ajay Bhatt) ने कहा कि सरकार ने 15,477.06 करोड़ रुपये की लागत से चीन से लगी सीमा पर 2,088.57 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया है. उनके द्वारा उपलब्ध कराई गए जानकारी के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान के साथ सीमा पर 1,336.09 किलोमीटर सड़क के निर्माण के लिए 4,242.38 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि म्यांमार के साथ सीमा पर 151.15 किलोमीटर सड़क बनाने के लिए 882.52 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वहीं, बांग्लादेश की सीमा पर 165.45 करोड़ रुपये की लागत से 19.25 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया है.
एलएसी पर चीन के साथ विवाद जारी
पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ विवाद के बाद बॉर्डर इलाकों में बुनियादी ढांचे के विकास पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया गया है. गौरतलब है कि पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद 5 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी हथियारों को लेकर अपनी तैनाती बढ़ा दी.
जिसके बाद एलएसी पर शांति स्थापित करने के लिए दोनों देशों के बीच कई स्तर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता हुई. जिसके बाद दोनों देशों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट पर और गोगरा क्षेत्र में अपनी सेनाओं को वापिस बुलाया.
इसे भी पढेंः-