संसद में फिर गूंजा तवांग मुद्दा, चर्चा की मांग को लेकर 17 विपक्षी दलों ने राज्यसभा से किया वॉकआउट
India China Faceoff: सदन से बाहर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने सरकार पर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हम सभी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं.
India China Border Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर (Twang Sector) में चीन और भारत की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर 17 विपक्षी पार्टियों ने बुधवार (14 दिसंबर) को राज्यसभा से वॉकआउट किया. सभी विपक्षी दलों ने सरकार पर 9 दिसंबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना (Indian Army) और चीनी सैनिकों की बीच हुई झड़पों पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाया. इनमें कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, एमडीएमके, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) भाकपा, जनता दल-यूनाइटेड, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी उन 17 पार्टियों में शामिल थीं, जो 'जीरो ऑवर' के दौरान सदन से बाहर चली गई.
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे समेत दूसरे विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने का मुद्दा उठाया. इस पर डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने शून्यकाल की अनुतमि दी, ताकि सांसद अपने मुद्दों को उठा सकें. सभापति की ओर से भारत चीन संघर्ष पर चर्चा करने की विपक्ष की मांग को अनुमति नहीं देने पर 17 विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किया.
विपक्ष ने सरकार पर लगाए आरोप
सदन से बाहर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने सरकार पर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "सभी 18 दल सैनिकों के पीछे खड़े हैं, लेकिन हम सभी इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं. सीमा मुद्दे के मामले में समझौता नहीं किया जा सकता है. राष्ट्रीय सुरक्षा एक बड़ी चिंता है."
माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि हम नहीं जानते कि सरकार एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प पर बहस कराने को तैयार क्यों नहीं है? जदयू ने कहा, "हमने एलएसी पर चीनी आक्रमकता पर चर्चा के लिए कहा." भाकपा ने कहा कि यह सदन का अपमान है क्योंकि सरकार सीमा संघर्ष पर चर्चा कराने को तैयार नहीं है.
सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 'शून्यकाल' को स्थगित करने की मांग की. इसके लिए इस तरह की आक्रमकता से निपटने और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत के हितों की रक्षा के लिए तत्काल उपायों की जरूरत है. पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से ज्यादा समय से जारी सीमा गतिरोध के बीच पिछले शुक्रवार को संवेदनशील इलाके में एलएसी के पास यांग्त्से के पास झड़प हुई थी.
सेना ने बयान में क्या कहा?
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि 9 दिसंबर को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर में एलएसी के नजदीक आए, जिसका भारतीय सैनिकों ने मजबूत से मुकाबला किया. इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं. सेना ने बयान में कहा, दोनों पक्ष तुरंत इलाके से पीछे हट गए हैं. घटना के बाद, इलाके में शांति बहाल करने के लिए भारतीय कमांडर ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपने चीनी समकक्ष के साथ एक फ्लैग मीटिंग की.
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